डबल बिलिंग में बिजली विभाग का फंस गया 376 करोड़

-पवार कारपोरेशन के एमडी ने तलाश कर वसूली करने का दिया निर्देश

GORAKHPUR: गोरखपुर के 1.18 लाख कंज्यूमर गायब हो गए हैं। 2015 के बाद ये बिजली विभाग को नहीं मिल रहे हैं। इन पर 376 करोड़ रुपए का बिजली बिल बकाया है। अब इसे अधिकारियों की मिलीभगत कहे या पब्लिक की होशियारी, नुकसान में विभाग ही है। इंजीनियरों ने खोजने के बाद भी नहीं मिलने पर इन्हें नान ट्रेसेबल सूची में डाल दिया है।

पावर कारपोरेशन के एमडी ने इस पर नाराजगी जताते हुए कंज्यूमर्स को तलाश कर बकाया वसूलने और कार्रवाई करना का निर्देश दिया है। अब दोनों रूरल विद्युत वितरण सर्किल के एसई ऐसे कंज्यूमर्स की तलाश कर बकाया वसूलने की तैयारी में जुटे हैं।

29 फरवरी तक वसूलने का लक्ष्य

पावर कारपोरेशन के एमडी एम देवराज ने चीफ इंजीनियर को पत्र भेजकर नान ट्रेसेबल कंज्यूमर्स को तलाश कर बकाया वसूलने का निर्देश दिया है। वितरण खंडों में बढ़ रहे बिजली बिल एरियर को खत्म करने की मियाद 29 फरवरी तय की है। चीफ इंजीनियर ने एमडी के निर्देश का हवाला देते हुए दोनों मंडलों के एसई को नान ट्रेसेबल कंज्यूमर्स की तलाश कराने व बकाया वसूली के लिए टीम गठित करने को कहा है। दोनों एस‌ई्र ने अपने सभी डिवीजनों के एसडीओ को टीम गठित करने की जिम्मेदारी सौंपी है। अभियंताओं का कहना है कि नान ट्रेसेबल कंज्यूमर्स की लिस्ट में 40 परसेंट मामले डबल बिलिंग के हैं।

47 हजार कनेक्शनों पर दो आइर्डी जनरेट

बिलिंग कंपनी की लापरवाही से 47 हजार कनेक्शनों पर दो आईडी जनरेट होने से दो-दो बिल बन रहे हैं। डबल बिलिंग के मामले के निस्तारण की जिम्मेदारी एसडीओ को दी गई है। रूरल विद्युत वितरण मंडल प्रथम के एसई ई। राजीव चतुर्वेदी ने बताया कि हमारे तीन वितरण डिवीजनों में करीब 64 हजार नान ट्रेसेबल कंज्यूमर हैं। डबल बिलिंग के कारण इन कनेक्शनों पर 176 करोड़ का बकाया है। जबकि, रूरल वितरण मंडल द्वितीय में ऐसे कनेक्शनों की संख्या 54 हजार है। इन पर बकाया एरियर तकरीबन 200 करोड़ हैं।

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ठेकेदारों ने कनेक्शनों की बढ़ाई संख्या

बिजली निगम के इंप्लाइज का कहना है कि बीपीएल व सौभाग्य योजना की कार्यदायी फर्मो ने कनेक्शन का टारगेट पूरा करने के लिए बकायेदारों को नया कनेक्शन दे दिया। इतना ही नहीं बकायेदारों के घर पर सर्विस केबल, मीटर व स्वीच बोर्ड लगाकर कनेक्शन भी स्टोर कर दिया। प्रतिदिन इस तरह की कंप्लेन आती है। महिलाओं का कहना था कि उनके वहां ठेकेदार ने सस्ती बिजली व केबल का लालच देकर नया कनेक्शन दे दिया। अब दो-दो बिल मिलने से कंज्यूमर्स की परेशानी बढ़ गई है। एजेंसी के छोटे ठेकेदारों के इस खेल से बिजली अभियंता भी मुश्किल झेल रहे हैं।

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तलाशने में पार्षद व प्रधानों की हेल्प

बिजली निगम के चीफ इंजीनियर देवेंद्र सिंह ने सभी डिवीजनों के एसडीओ को निर्देश दिया है कि नान ट्रेसेबल कंज्यूमर्स की तलाश के लिए लिस्ट तैयार करें। उसके बाद पार्षद और प्रधानों से मिले। उनसे हेल्प लेकर लापता कंज्यूमर्स की तलाश कर बकाया वसूलने का प्रयास करें। डबल बिलिंग के मामलें भी सूची बनाकर खत्म किए जाएं।

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कोट

एमडी के निर्देश पर सभी डिवीजनों के एसडीओ नान ट्रेसेबल कंज्यूमर्स को तलाश कर बकाया वसूली करने का निर्देश दिया गया है। डबल बिल की समस्या का भी निस्तारण करने की जिम्मेदारी एसडीओ की तय की गई। 29 मई तक मामलों का निस्तारण नहीं करने पर कार्रवाई की जाएगी।

ई। देवेंद्र सिंह, चीफ इंजीनियर