1- थ्री ईडियट्स
लाइट नोट पर एक बड़ा मेसेज देने वाली यह फिल्म कई दिलों में अपनी जगह बनाने में सक्सेसफुल रही। राजकुमार हिरानी ने बहुत ही खूबसूरती के साथ इस फैक्ट को बड़े कैनवास पर पोट्र्रे किया कि लाइफ में सक्सेसफुल होने के लिए काबिल बनने की जरूरत है। एक लीडिंग इंस्टीट्यूट में सर्वाइव करना स्टूडेंट्स के लिए कैसा होता है, कितना प्रेशर डील करते हैं वो, अपने करियर की राह में क्या खोते हैं, क्या पाते हैं और कैसे सोशल और फैमिली प्रेशर में आकर स्टूडेंट्स वो पढ़ते हैं जो उन्हें पढऩे के लिए कहा जाता है न कि जो वो पढऩा चाहते हैं, इन सीरियस एस्पेक्ट्स को बहुत ही संजीदगी और लाइट नोट में प्रेजेंट किया गया है इस फिल्म में।
2- बजरंगी भाईजान
ये भी उन गिनी चुनी फिल्मों में से ही जो ह्यूमन एंगल को बहुत संजीदगी के साथ रिप्रेजेंट करती हैं। एक बेहतरीन मेसेज देने वाली ये फिल्म जो लोगों को ये बताती है कि प्यार के सामने नफरत की दीवार कुछ नहीं। इंडिया-पाकिस्तान जैसे सेंसिटिव सब्जेक्ट पर बनी एक फिल्म और वो भी कॉन्ट्रोवर्सी नहीं बल्कि खूबसूरती के साथ। फिल्म न सिर्फ ऑडियंस के बीच पॉपुलर रही बल्कि क्रिटिक्स ने भी इसके फिल्ममेकिंग एस्पेक्ट को एप्रिशिएट किया। सलमान खान की 100 करोड़ वाली सुपर-डुपर हिट फिल्मों की लाइन में यह सबसे डिफरेंट फिल्म है और सलमान भी इसमें अलग ही अंदाज में नजर आए। यह निश्चित तौर पर सलमान की अब तक की फिल्मों में बेस्ट फिल्म है।
3- पीके
रियलस्टिक और ऐसा कंटेंट जिस पर हम बात तो करते हैं लेकिन छिपकर न कि खुले आम। लेकिन इस फिल्म में रिलीजन जैसे संजीदा कंटेंट को भी बहुत टैक्टफुली हैंडल किया गया, और वो भी ह्यूमर एंगल के साथ। इसी बात को अगर सीरियसली प्रेजेंट किया जाता तो शायद ये उतनी इंप्रेसिव न होती लेकिन थोड़े से ह्यूमरस टच के साथ कही गई ये बात हर किसी को अच्छी लगी। और सबसे बड़ी बात तो ये रही कि इस तरह की सेंटीमेंटल फिल्म कमर्शियली भी बहुत सक्सेसफुल रही।
4- सुल्तान
पिछले साल आई इस फिल्म में एक बार फिर से कुछ बेहतरीन चीजें देखने को मिलीं। सलमान की बेहतरीन परफॉर्मेंस के साथ हमारी सोसाइटी के लिए कुछ खूबसूरत मेसेज भी। कोमल के मुताबिक, जो बात उनको इस फिल्म की सबसे पहले रिकॉल करती है, वो फिल्म का एक डायलॉग, 'हमारे यहां डिवोर्स नहीं होता, नाराजगी होती है। यह एक ऐसा स्टेटमेंट है जो आज के दौर में बहुत ही मायने रखता है जहां शादियां छोटी-छोटी बातों पर टूट जाती हैं। फिल्म एक टोटल एंटरटेनर थी।'
5- पिंक
करेंट सिनारियो में लड़कियों की सोसाइटी में पोजीशन को बखूबी रिप्रेजेंट करती यह फिल्म डेफिनेटली पिछले दस सालों की सबसे बेहतरीन फिल्मों में से एक है। इसके बारे में कोमल का कहना है, 'फिल्म में एक डायलॉग 'नो मींस नो' को पूरी तरह से जस्टिफाई करके दिखाया गया है। सोसाइटी के लिए एक स्ट्रॉन्ग मेसेज देती हुई यह फिल्म सिर्फ एक कोर्ट-रूम ड्रामा नहीं बल्कि मौजूदा दौर की तस्वीर है। इसके एक्टर्स बेहद इंपैक्टफुल नजर आते हैं। कमर्शियल न होकर भी यह फिल्म कमर्शियली भी हिट रही।'
6- सिंघम
इस फिल्म को कोमल पिछले दशक की दस बेहतरीन फिल्मों में शामिल करते हैं। जब कोमल पहली बार इस फिल्म को देखने के एक्सपीरियंस को याद करते हैं तो उन्हें सिर्फ एक ही चीज याद आती है, और वो है तालियां बजाना। कोमल बताते हैं, 'इस फिल्म को देखते वक्त मैं पूरे वक्त तालियां बजाता रहा। मेरी तालियों की इंटेंस्टिी भी इतनी स्ट्रॉन्ग थी मैं लिटरली मेरी हथेलियां बिल्कुल लाल हो गई थीं और हाथों में दर्द होने लगा था।' कोमल के मुताबिक यह एक परफेक्ट बॉलीवुड एंटरटेनर थी और फिल्म वही हिट है जिसे देखने के बाद थिएटर में सीटियां और तालियां बजें।
7- तारे जमीं पर
एक बार फिर से इस फिल्म में एक इंपॉर्टेंट इश्यू को पिक किया गया और उसे बहुत ही इमोशनल तरीके से प्रेजेंट किया गया। इसका इमोशनल एंगल इतना दमदार था कि शायद ही कोई ऐसा हो जिसकी आंखें इसे देखने के बाद नम न हुई हों। सोसाइटी में ऐसी बहुत सी प्रॉलम हैं जिन्हें हम पहले तो डिटेक्ट ही नहीं कर पाते और अगर कर भी लेते हैं तो उसका सॉल्यूशन निकालने की बजाय उससे मुंह फेर लेते हैं। लेकिन डिसलेक्सिया जैसे इश्यू पर बनी यह फिल्म पेरेंट्स और सोसाइटी के लिए एक बहुत स्ट्रॉन्ग मेसेज है कि हमें अपने बच्चों के साथ कैसे डील करना चाहिए। बेहद खूबसूरत फिल्मों में से एक है तारे जमीं पर।
8-गजनी
कोमल के मुताबिक यह फिल्म उनके दिल में एक खास जगह रखती है। इसके पीछे वजह ये है कि यह हिंदी फिल्मों की पहली ऐसी फिल्म थी जिसने 100 करोड़ रुपए की कमाई की थी। कोमल कहते हैं, 'मेरे लिए एक अच्छी फिल्म वो है जो ऑडियंस को पसंद भी आए, जो एंटरटेन भी करे, जिसका कंटेंट भी स्ट्रॉन्ग हो और जो बॉक्स-ऑफिस नंबर्स पर भी हिट रहे। यह ऐसी ही एक फिल्म है। एक कंप्लीट एंटरटेनिंग फिल्म। ये जो 100, 200, 300 और 400 करोड़ रुपए कमाने का जो ट्रेंड चला है वो इसी फिल्म से शुरू हुआ था इसलिए मेरे लिए यह हमेशा ही एक खास फिल्म रहेगी।'
9- इंग्लिश- विंग्लिश
कोमल का कहना है, 'यह एक अलग ही सब्जेक्ट पर बनी फिल्म है। विमेन-सेंट्रिक यह फिल्म ऐसे सब्जेक्ट पर बेस्ड है, जिससे हम सभी रूबरू तो हैं लेकिन इस बारे में बात नहीं करते। लेकिन ये गौरी शिंदे की हिमत थी जिन्होंने ऐस सेंसिटिव सजेक्ट को पिक किया और उतनी ही सेंसिटिविटी के साथ इसे रिप्रेजेंट भी किया। फिल्म का ट्रीटमेंट बहुत ही शानदार रहा। इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत ये ही है कि एक नॉन-कमर्शियल वे में बनी यह फिल्म कमर्शियली भी हिट रही।' श्रीदेवी के कमबैक वाली इस फिल्म को डायरेक्ट किया गौरी शिंदे ने जिनकी बतौर डायरेक्टर ये पहली फिल्म थी। बेहतरीन फिल्म बनाने के लिए ही गौरी भी रातों रात कुछ स्पेशल डायरेक्टर्स की लिस्ट में शामिल हो गईं जो रियल सब्जेक्ट्स को कैनवास पर रिप्रेजेंट करना पसंद करते हैं।
10- तनु वेड्स मनु रिटर्न्स
इस फिल्म का नाम किसी भी तरह से नहीं भूला जा सकता क्योंकि यह डेफिनेटली हर तरह से पिछले दस सालों में बनी एक बेहतरीन फिल्म है। कोमल के मुताबिक फिल्म की स्पेशिएलिटी है इसकी ओवरऑल पैकेजिंग। विटी और स्ट्रॉन्ग डायलॉग्स, कंगना की शानदार परफॉर्मेंस, सभी कैरेक्टर्स का बेहतरीन ट्रीटमेंट और अच्छा डायरेक्शन, इन सभी चीजों में मिलकर इस फिल्म को पिछले दशक की बेहतरीन फिल्मों में शामिल कर दिया है। इतना ही नहीं, कोमल के मुताबिक जो इस वक्त बॉलीवुड में सीक्वेल का दौर चल रहा है, उसमें इस फिल्म ने सीक्वेल के कॉन्सेप्ट को भी पूरी तरह से जस्टिफाई किया है।
मेरे लिए फिल्मों का मतलब है कि वो ऑडियंस को एंटरटेन करे, जिसका कंटेंट भी स्ट्रॉन्ग हो और जो बॉक्स-ऑफिस पर कमाई भी अच्छी करे।
कोमल नाहटा फिल्म क्रिटिक
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