RANCHI: नाबालिग लड़कियों के ट्रैफिकिंग मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है। पुलिस और सीडब्ल्यूसी ने संयुक्त रूप से दिल्ली में छापेमारी कर सभी 10 लड़कियों सहित 4 महिलाओं को बरामद कर लिया है, जिन्हें रांची लाया गया। झारखंड के लिए यह दुर्भाग्य ही है कि आए दिन दिल्ली से झारखंड की लड़कियों को रेस्क्यू कर वापस लाया जाता है। एक बार फिर सीडब्ल्यूसी और खूंटी पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई कर दिल्ली में छापेमारी की और 10 लड़कियों के साथ 4 महिलाओं को रेस्क्यू कर राजधानी नई दिल्ली एक्सप्रेस से रांची लाया गया।

काम के बहाने दिल्ली में बेचा

झारखंड में भोली-भाली आदिवासी लड़कियां अक्सर मानव तस्करी का शिकार होती रही हैं। ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है, जहां एक दलाल ने 10 नाबालिग लड़कियों को झारखंड से दिल्ली ले जाकर बेच दिया था, जिसमें खूंटी की 7 नाबालिग लड़कियां शामिल थीं। मामले की जानकारी मिलने के बाद खूंटी पुलिस और सीडब्ल्यूसी के प्रयास पर सभी नाबालिग लड़कियों को रेस्क्यू कर रांची लाया गया।

प्रेमाश्रय पहुंची लड़कियां

इन सभी लड़कियों को बाल आश्रम और प्रेम आश्रय में रखा गया है। पुलिस उनके परिजनों के साथ संपर्क कर रही हैं, जिसके बाद उन्हें परिजनों को सौंपा जाएगा। इस मामले में खूंटी पुलिस ने सभी तस्करों की खोज शुरू कर दी है।

सीएम कर चुके हैं मानव तस्करों पर लगाम की घोषणा

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने 2 फरवरी को कहा था कि प्रदेश के माथे पर लगे मानव तस्करी के दाग को धोना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर यह जानकारी दी थी। गुमला जिले की 6 नाबालिग लड़कियों को दिल्ली से मानव तस्करों के चंगुल से मुक्त कराये जाने के बाद इन्हें मिल रही धमकियों के बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुमला पुलिस को इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर मानव तस्करों को पकड़ने और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

प्रशासन करे पहचान, बचाई जाएं बेटियां

सीएम ने प्रशासन को ऐसे बच्चों की पहचान करने को भी कहा है, जो मानव तस्करी का शिकार हो सकते हैं। उन बच्चों को शिक्षा एवं कौशल विकास कार्यक्रम से जोड़ते हुए उनकी सतत ट्रैकिंग की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये गए हैं। जिला के सीडब्ल्यूसी, डीसीपीओ एवं एंटी-ट्रैफिकिंग पुलिस यूनिट को सशक्त और संवेदनशील बनाने पर भी जोर दिया गया है।