- 76 सेकंड में दिल्ली तक पहुंच जाएगी भूकंप की सूचना

- कुमांऊ से लेकर धारचूला तक 100 और सेंसर लगाने की योजना

ROORKEE: उत्तराखंड में भूकंप से अलर्ट करने के लिए अर्ली वार्निंग सिस्टम के तहत सेंसर लगाए जाएंगे। कुमांऊ से लेकर धारचूला तक क्00 और सेंसर लगाए जाने की योजना है। इसके लिए आईआईटी रुड़की के आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन उत्कृष्टता केंद्र की ओर से जल्द ही मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस को अनुमति के लिए पत्र लिखा जाएगा। सेंसर लगने से भूकंप की सूचना उत्तरांखड के विभिन्न जिलों के अलावा दिल्ली तक चंद सेकंड में पहुंच सकेगी।

मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंस के प्रोजेक्ट अर्थक्वेक अर्ली वार्निंग सिस्टम फॉर नार्दन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत आईआईटी को उत्तरकाशी से लेकर चमोली तक क्00 सेंसर लगाए जाने हैं। अब तक करीब एक सौ किमी के इस क्षेत्र में 89 सेंसर लगाए जा चुके हैं। प्रोजेक्ट की निगरानी और सफलता के लिए बनाई गई एडवाजरी कमेटी ने भूकंप के लिहाज से पूरे उत्तराखंड के संवेदनशील होने के कारण प्रदेश में सेंसर लगाने का निर्णय लिया है। प्रोजेक्ट के ¨प्रसीपल इंवस्टीगेटर एवं आईआईटी के भूकंप अभियांत्रिकी विभाग के प्रो। अशोक माथुर ने बताया कि अभी तक सिर्फ उत्तरकाशी से लेकर चमोली तक सेंसर लगा जा रहे हैं, लेकिन अब एडवाजरी कमेटी की ओर से प्रदेश के मैदानी इलाकों को छोड़कर समस्त उत्तराखंड में सेंसर लगाए जाने की योजना है।

बढ़ानी होगी प्रोजेक्ट की अवधि

वर्ष ख्0क्फ् में केदारनाथ में भीषण आपदा आने के बाद मिनिस्ट्री की ओर से आपदा न्यूनीकरण एवं प्रबंधन उत्कृष्टता केंद्र को तीन करोड़ रुपए का यह प्रोजेक्ट दिया गया था। प्रो। माथुर के अनुसार जून ख्0क्म् में इस प्रोजेक्ट की अवधि पूरी हो रही है। उत्तराखंड में एक सौ और सेंसर लगाने के लिए उन्हें इस प्रोजेक्ट तिथि को करीब एक साल और बढ़ाना होगा।

चंद सेकंड में जारी किया जा सकेगा अलर्ट

सेंसर ध्वनि तरंगों के माध्यम से देहरादून तक ख्0 सेकंड, हरिद्वार ख्ख् सेकंड, रुड़की फ्क् सेकंड, मुजफ्फरनगर ब्ब् सेकंड, मेरठ भ्7 सेकंड और दिल्ली तक 7म् सेकंड में भूकंप आने पर अलर्ट जारी किया जा सकता है।