गिरीश को थी क्रोनिक किडनी डिजीज

हरियाणा के सिरसा निवासी गिरीश को क्रोनिक किडनी डिजीज थी। गिरीश का बीते साल जयपुर के एसएमएस अस्पताल में इलाज चल रहा था। पिछले वर्ष ही गिरीश की दोनों किडनियों का ट्रांसप्लांट हुआ था। इसी दौरान गिरीश ने मेक-ए-विश फाउंडेशन संस्था को अपनी दबंग सिंघम यानि की पुलिस कमिश्नर बनने की इच्छा जताई थी।

मेक ए विश फाउंडेशन ने पूरी की गिरीश की इच्छा

मेक ए विश फाउंडेशन एक ऐसी संस्था है जो असाध्य रोगों से ग्रसित बच्चों जिनकी ज़िन्दगी के महज कुछ दिन बचे हो उन बच्चों की ख्वाहिशों को पूरा करने का काम करती है। मेक ए विश फाउंडेशन ने जयपुर पुलिस के साथ मिलकर गिरीश की ख्वाहिश पूरी करते हुए उसे एक दिन का कमिश्नर बनाया गया था। जिसके बाद गिरीश ने एक दिन के कमिश्नर का पद संभालते हुए पुलिस कमिश्नर की वर्दी पहन कर शहर का दौरा किया था।

पुलिस कमिश्नर बनना चाहता था गिरीश

गिरीश पुलिस कमिश्नर ही इसलिए बनना चाहता था क्योंकि उसका कहना था कि पुलिस ही अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में सक्षम है। शहर में शांति व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। हरियाणा के पूर्व गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा ने गिरीश के किडनी ट्रांसप्लांट का पूरा खर्च उठाया था। गुड़गांव स्थित मेदांता में किडनी ट्रांसप्लांट हुआ था। बता दें कि गिरीश की मां ने ही उसे किडनी दी थी।

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