- विजिलेंस जांच जारी रखने का आदेश, प्राचार्यो को तत्काल काम से हटाने का निर्देश

-प्रो। बिमल कुमार सिंह सहित छह अन्य याचिकाकर्ताओं के शिकायत पर मामले की हुई सुनवाई

PATNA: मगध यूनिवर्सिटी के वीसी अरुण कुमार के कार्यकाल में अवैध तरीके से नियुक्त किए गए क्ख् कॉलेजों के प्राचार्यो को तत्काल पदमुक्त करने का आदेश पटना हाई कोर्ट ने जारी किया है। अदालत ने प्राचार्यो की नियुक्ति के लिए जारी अधिसूचना को भी रद कर दिया है। अपने फैसले को चांसलर के संज्ञान में देते हुए कोर्ट ने कहा कि इसका विशेष ध्यान रखा जाए कि भविष्य में इस प्रकार की नियुक्तियां कतई न हों। साथ ही अदालत ने मगध यूनिवर्सिटी के वीसी को निर्देश दिया है कि वे आश्वस्त करें कि पदमुक्त किए गए क्ख् प्राचार्य अब एक दिन भी कार्य न कर पाएं। हटाए गए प्राचार्यो में सुधीर कुमार मिश्रा, डॉ। प्रवीण कुमार, डॉ। शीला सिंह, डॉ। वेद प्रकाश, शशिप्रताप शाही, डॉ। इंद्रजीत प्रसाद राय, डॉ। रेखा कुमारी, डॉ। उपेंद्र प्रसाद सिंह, डॉ। दिनेश प्रसाद सिन्हा, डॉ। अरुण कुमार रजक, डॉ। पूनम एवं डॉ। दलबीर सिंह शामिल हैं।

प्रतीक्षा सूची भी रद्द

प्रो। बिमल कुमार सिंह सहित छह अन्य याचिकाकर्ताओं के मामले पर सुनवाई करने के बाद गुरुवार को यह फैसला न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी ने दिया। सभी याचिकाकर्ता प्राचार्य पद के उम्मीदवार थे। इनके अतिरिक्त तीन शिक्षकों को प्राचार्य के लिए प्रतीक्षा-सूची में रखा गया था। अदालत ने प्राचार्यो की प्रतीक्षा सूची को भी रद कर दिया। अदालत ने ख्म् नवंबर को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। ब्8 पृष्ठ के फैसले में अदालत ने पहले से चल रही विजिलेंस जांच को जारी रखने का आदेश दिया।

साक्षात्कार में पहुंचे कम अभ्यर्थी

सुनवाई मे जानकारी दी गई थी कि कुल फ्भ्फ् शिक्षकों ने प्राचार्य पद के लिए आवेदन दिया था। उनमें से सिर्फ क्म्म् अभ्यर्थी ही साक्षात्कार में शामिल हो सके थे। साक्षात्कार ख्क् दिसंबर से लेकर ख्म् दिसंबर ख्0क्ख् तक चला। कुल क्ख् पदों पर प्राचार्य की नियुक्ति के लिए ब् मई ख्0क्ख् को विज्ञापन निकाला गया था। पांच पद सामान्य वर्ग, चार पद पिछड़ी जाति और एक-एक पद अत्यंत पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और पिछड़ी जाति की महिला के लिए निर्धारित थे।

वरीयता-योग्यता दरकिनार

सुनवाई के दौरान पता चला था कि चयन समिति में कनीय प्रोफेसर को भी रख लिया गया था। वैसे लोग भी नियुक्त कर लिए गए जो कुलपति के रिश्तेदार थे। चयन समिति में राज्य सरकार के किसी प्रतिनिधि को नहीं रखा गया था। वरीयता और योग्यता को दरकिनार कर नियुक्तियां कर ली गई।

इन्हें बनाया गया था प्राचार्य

- जेपी विश्वविद्यालय, छपरा में रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष सुधीर कुमार मिश्रा

- बीडी कॉलेज, पटना में भूगोल के विभागाध्यक्ष डॉ। प्रवीण कुमार

- केएसएमसी, औरंगाबाद में कार्यरत डॉ। शीला सिंह

- कॉलेज ऑफ कामर्स में अंगे्रजी विभाग के डॉ। वेद प्रकाश

- एएन कॉलेज, पटना के राजनीतिक शास्त्र के शिक्षक शशि प्रताप शाही

- राजेंद्र कॉलेज, छपरा के कॉमर्स विभागाध्यक्ष डॉ। इंद्रजीत प्रसाद राय

- छपरा के ही किशोरी सिन्हा महिला कॉलेज में कार्यरत डॉ। रेखा कुमारी

- भोजपुर के एचडी जैन कॉलेज में अंगे्रजी के विभागाध्यक्ष डॉ। उपेंद्र प्रसाद सिंह

- मगध विश्वविद्यालय, बोधगया में राजनीतिक शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ। दिनेश प्रसाद सिन्हा

- गया कॉलेज, गया में वनस्पति शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ। अरुण कुमार रजक

- कॉलेज ऑफ कॉमर्स, पटना में अर्थशास्त्र विभाग की डॉ। पूनम

- पटना सिटी के गुरु गोविंद सिंह कॉलेज के डॉ। दलबीर सिंह