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JAMSHEDPUR: जमशेदपुर में पिछले छह महीने में सड़क हादसों में 127 लोगों की जान गई। यह आंकड़ा एमजीएम मेडिकल कॉलेज व हॉस्पिटल के पोस्टमार्टम हाउस का है। ट्रैफिक विभाग की शिथिलता की वजह से भारी वाहन तेज रफ्तार से शहर में दौड़ रहे हैं, जिनकी की चपेट में आने से अक्सर लोग जान गवां रहे हैं। साकची, बिष्टुपुर, जुगसलाई, गोलमुरी और मानगो में ट्रैफिक थाना है, जहां पर तैनात सिपाही ट्रैफिक व्यवस्था संभालने में नाकाम साबित हो रहे हैं। ट्रैफिक डीएसपी शिवेंद्र कुमार का कहना है कि कम स्टॉफ होने के कारण तेज रफ्तार से चलनेवाले चालकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पा रही है। ट्रैफिक डिपार्टमेंट के अधिकारी ने बताया कि शहर की टर्निग सड़कें, घुमावदार मोड़ पर भी अधिक हादसे होते हैं, जहां पर कोई भी सिग्नल संकेतक नहीं लगा हुआ है। परिवहन विभाग के आंकड़ों के अनुसार 15 सालों में शहर में 748868 वाहन रजिस्टर्ड हुए हैं। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था संभालने के लिए फिलहाल महज 45 जवानों की ही तैनाती है।

शहर के डेंजर जोन

लकड़ी टाल, लिटटी चौक, भुइयांडीह, सुनसुनिया चौक, आरडी टाटा गोलचक्कर, पुलिस लाइन, जुबिली पार्क गोलचक्कर, मानगो ब्रिज, एनएच-33, टेल्को, परसुडीह मोड़

एक्सीडेंट होने की प्रमुख वजहें

-तेज रफ्तार और बाईं तरफ से ओवरटेकिंग।

-नशे में धुत होकर वाहन चलाना।

-ओवरलोडिंग और दूसरे के वाहन से आगे चलने के चलते स्पीड में चलना।

-नाबालिगों और अनट्रेड बच्चों को वाहन चलाने के लिए देना।

-जल्दबाजी में घर, गली से सड़क में प्रवेश करना।

-वाहन चलाते समय मोबाइल पर बात करना।

(एक्सप‌र्ट्स से बातचीत पर आधारित)

एक्सीडेंट मे मरनेवालों और घायलों की संख्या

साल मृत घायल

2010 188 564

2011 180 720

2012 189 756

2013 153 612

2014 174 696

2015 157 628

2016 90 360

2017 208 624

2018 251 753

2019 127 472

(वर्ष 2019 जून तक के आंकड़े)

सड़क हादसों को रोकने के लिए विभाग समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। चुनाव और देवघर में होने वाले श्रावणी मेला के चलते ज्यादातर जवानों को मेले में भेज दिया गया है। जिसके चलते दो माह तक जागरुकता कार्यक्रम नहीं चलाया जा सकेगा। ट्रैफिक थानों में तैनात जवान ट्रैफिक कंट्रोल कर रहे हैं।

-शिवेंद्र कुमार, ट्रैफिक डीएसपी, जमशेदपुर