आगरा। टूंडला के नोडल सेंटर से पेपर लीक होने की जानकारी के बाद डॉ.भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी की ओर से बीते 13 मार्च को हुए पेपेर को कैंसिल कर दिया गया है। इससे पहले 14, 15 व 16 मार्च तक के एग्जाम को पहले ही पोस्टपोंड किया जा चुका है। वहीं कुलपति ने टूंडला के ठाकुर बीरी सिंह महाविद्यालय को हटाकर फिरोजाबाद के एमजी महाविद्यालय को नोडल सेंटर बनाया गया है। वहीं एग्जाम सेंटर टूंडला जीआईसी कॉलेज को बनाया गया है। कैंसिल पेपर और पोस्टपोंड पेपर्स को लेकर अभी कोई डेट सार्वजनिक नहीं की गई है। इस संबंध में परीक्षाथियों को जानकारी दी गई है।

यूनिवर्सिटी ने अनअप्रूव्ड टीचर्स की लगाई है ड्यूटी

डॉ.भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी की ओर से एग्जाम में अयोग्य व अनएप्रूव्ड टीचर्स की ड्यूटी लगाई जा रही है। जिससे वह क्वालिटी एग्जाम के साथ खिलवाड़ करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कहीं-कहीं तो बोलकर नकल कराई जा रही है। हाईकोर्ट की की ओर से सेल्फाइनेंस कॉलेजों में एप्रूव्ड टीचर रखने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं, जिससे क्वालिटी एजूकेशन सिस्टम को और बेहतर किया जा सके। लेकिन, इसके बावजूद यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट अयोग्य व अनएप्रूव्ड टीचर्स को प्राथमिकता दे रहा है।

ऑनलाइन पकड़ा था फर्जीवाड़ा

सेल्फाइनेंस कॉलेजों में एप्रूव्ड टीचर्स का डेटा तत्कालीन कुलपति डीएन जौहर ने कोर्ट के आदेश पर ऑनलाइन किया था। ऑनलाइन होने के बाद काफी बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया था। इसमें एक टीचर 15 कॉलेजों में तैनात पाया गया तो वहीं एक प्रिंसिपल कई कॉलेजों से अटैच्ड मिला। फर्जीवाड़ा मिलने के बाद करीब 50 हजार बिना अनुमोदित टीचर्स को हटाया गया था। इसके बाद ही सभी कॉलेज संचालकों को हाईकोर्ट के निर्देश पर अनुमोदित शिक्षक रखने के आदेश मिले थे।

385 परीक्षा केन्द्रों में 5 फीसदी नहीं योग्य

इस समय यूनिवर्सिटी एग्जाम चल रहे हैं। इसके लिए 300 से अधिक एग्जाम सेंटर बनाए गए है, लेकिन इनमें टोटल टीचर्स में से सिर्फ पांच प्रतिशत टीचर ही एप्रूव्ड हैं। इधर यूनिवर्सिटी अधिकारियों की ओर से लगातार क्वालिटी एग्जाम कराने का दावा किया जा रहा है। मंडल में नकल पकड़ने का कार्य कर रहे फ्लाइंग स्क्वॉयड ने अभी तक यूनिवर्सिटी से अटैच्ड सैकड़ों कॉलेजों में छापामार कार्रवाई की है।

कॉलेज में परिवार कराते मिला एग्जाम

यूनिवर्सिटी एग्जाम के दौरान फ्लाइंग स्क्वॉयड टीम एटा के एक कॉलेज पहुंची थी, जहां एग्जाम हॉल में ड्यूटी दे रहे लोगों की एक्टिविटी पर टीम को शक हुआ। जब पूछताछ की गई तो पता चला कि परिवार के सदस्य ही एग्जाम करा रहे थे, क्योंकि वह सब आपस में एक दूसरे के रिश्तेदार निकले। इस संबंध में एग्जाम कंट्रोलर से संपर्क किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी।

आखिर किस के लिए पेपर ऑउट करा रहे थे प्राचार्य ?

टूंडला के एक एडेड कॉलेज ठाकुर बीरी सिंह में पेपर ऑउट के आरोप में प्राचार्य के खिलाफ एफआईआर कराई गई है, लेकिन बात का अभी तक खुलासा नहीं किया कि आखिर प्राचार्य किस के लिए पेपर आउट का रहे थे। हालांकि कुलपति इस संबंध में एक जांच कमेटी गठित करने का दावा कर रहे हैं, लेकिन उनके इस फैसले से वो लोग बेखौफ हैं जो पेपर आउट कर स्टूडेंट्स से मोटी रकम वसूलने का कार्य कर रहे थे। कई एक महाविद्यालयों से रुपये मांगने की शिकायत डीएम कार्यालय पर मिली है। सूत्रों का कहना है कि ऑउट पेपर एक शिक्षामाफिया के माध्यम से कोचिंग्स तक पहुंचाया जा रहा था, यहां तक कि अगर इस मामले की गहनता से जांच की जाए तो इसके तार यूनिवर्सिटी से भी जुडे़ मिल सकते हैं।

एग्जाम क्वालिटी के साथ कराए जा रहे हैं। पेपर आउट के मामले में प्राचार्य सहित चार पर एफआईआर की कार्रवाई की गई है। इस संबंध में जल्द एक कमेटी का गठन कर मामले की जांच कराई जाएगी।

प्रो.अशोक मित्तल, कुलपति