RANCHI: राज्य के विभिन्न जिलों के क्ब् ग्रामीण इलाकों के बच्चों को शनिवार को रेस्क्यू करके केरल से लाया गया है। पढ़ाई के नाम पर इन बच्चों को कथित रूप से बहला-फुसलाकर एक एजेंट के जरिए केरल ले जाया गया था।

बच्चों की बन रही लिस्ट

झारखंड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष आरती कुजूर ने बताया कि इन बच्चों की जानकारी उन्हें केरल स्थित चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से मिली। उसके बाद रांची से उन बच्चों को वापस लाने की कोशिश की गई। बेहरा ने कहा कि करीब क्ब् बच्चे इस प्रकार की ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शिकार हुए। हालांकि, अभी इसकी लिस्ट बनाई जा रही है कि वे बच्चे प्रदेश के किन इलाकों के हैं।

सभी 8 से क्ब् वर्ष के

सभी बच्चों की उम्र 8 से क्ब् वर्ष के बीच बताई जा रही है, जिन्हें अच्छी शिक्षा दिलाने के नाम पर झारखंड के अलग-अलग इलाकों से मानव तस्करी का शिकार बनाया गया। आयोग की अध्यक्ष ने बताया कि इन बच्चों को फिलहाल प्रेमाश्रय में रखा गया है, जहां से जानकारी प्राप्त होते ही उनके अभिभावकों को सौंप दिया जाएगा।

हाल ही में धराया था पन्नालाल

गौरतलब हो कि झारखंड का गुमला, सिमडेगा और खूंटी ऐसे इलाके हैं, जहां ह्यूमन ट्रैफिकिंग की सबसे ज्यादा शिकायतें मिलती हैं। यहां तक की सूबे के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी कई बार इस तथ्य को स्वीकार किया है कि इन इलाकों से ह्यूमन ट्रैफिकिंग के बड़े मामले प्रकाश में आते हैं। कुछ दिन पहले पन्नालाल नामक एक व्यक्ति को इस अमानवीय रैकेट चलाने के मामले में झारखंड पुलिस ने गिरफ्तार किया है