नई दिल्ली (एएनआई)। जम्मू-कश्मीर के 14 प्रमुख नेता गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बैठक में शामिल होने वाले हैं। इस बैठक पर पूरी दुनिया की निगाहें टिकीं है। 5 अगस्त, 2019 के बाद से मुख्य रूप से कश्मीर से केंद्र और राजनीतिक नेतृत्व के बीच यह पहली हाईलेवल बातचीत है, जब केंद्र ने जम्मू और कश्मीर की विशेष स्थिति को रदकर दिया और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था। बैठक में भाग लेने वाले नेताओं में कांग्रेस के गुलाम नबी आजाद, तारा चंद और जीए मीर शामिल हैं। इसके अलावा नेशनल कांफ्रेंस के डॉक्टर फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, जे-के अपनी पार्टी की अल्ताफ बुखारी, बीजेपी के रविंदर रैना, निर्मल सिंह और कविंदर गुप्ता, माकपा के एम वाई तारिगामी, नेशनल पैंथर्स पार्टी के प्रो भीम सिंह और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के सज्जाद गनी लोन भी शामिल हैं। गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और गृह सचिव भी बैठक में शामिल होंगे।

सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचे ये नेता

पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती और भाजपा नेता रविंदर रैना और कविंदर गुप्ता सहित जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाग लेने के लिए नई दिल्ली पहुंचे। विश्वसनीय सूत्रों से पता चला है कि बैठक के लिए कोई निश्चित एजेंडा निर्धारित नहीं किया गया है और 24 जून को एक स्वतंत्र चर्चा की उम्मीद है। हालांकि सर्वदलीय बैठक में परिसीमन, राज्य का दर्जा और विधानसभा चुनाव चर्चा के प्रमुख मुद्दे बने रहने की उम्मीद है। पीपुल्स अलायंस फॉर गुप्कर डिक्लेरेशन (पीएजीडी) बैठक में भाग लेने के लिए सहमत हो गया है, लेकिन इसके नेताओं विशेष रूप से पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि वे नई दिल्ली से अनुच्छेद 370 और 35 ए को बहाल करने के लिए कहेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक का स्वागत किया

प्रधानमंत्री के साथ बैठक से पहले अपनी पार्टी के प्रमुख सैयद अल्ताफ बुखारी ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ सर्वदलीय बैठक का स्वागत किया और कहा, मैं इसे एक सकारात्मक विकास के रूप में देखता हूं। प्रधानमंत्री ने मार्च में एक प्रक्रिया शुरू की थी। 14 मार्च 2020, जब अपनी पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल उनसे मिला और अब उन्होंने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। यह एक स्वागत योग्य कदम है। इस बीच, प्रधानमंत्री द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक से एक दिन पहले, भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने बुधवार को जम्मू-कश्मीर में अपने प्रतिनिधियों और उपायुक्तों के साथ केंद्र में 90 विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन के संबंध में आभासी चर्चा की। जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को सरकार द्वारा 9 अगस्त, 2019 को अधिसूचित किया गया था।

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