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PATNA : दो स्टूडेंटस ऐसे हैं जिनकी कहानी सुनकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे। हालांकि स्टूडेंट्स ने नाम और पहचान गोपनीय रखने की बात कही है लेकिन दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के पास बातचीत रिकार्ड के तौर पर मौजूद है। स्टूडेंट्स ने कहा है कि वह असफल रहा तब भी उसे सुपर 30 का हिस्सा बनाया गया। जब कोटा में पढ़ा तो भी सुपर 30 की लिस्ट में शामिल था। हम तो महज एक बानगी बताने जा रहे हैं ऐसे और कई किस्से हमे मिले हैं।

सुपर 30 नहीं सुपर 150

2009 बैच के एक स्टूडेंट ने हमें फोन पर कुछ इस तरह आपबीती सुनाई। मैं रामानुजम क्लासेस में 2007 में एडमिशन लिया। सुपर 30 के नाम पर टेस्ट लिया गया जिसमें 1000 से अधिक बच्चे शामिल हुए। इसमें 150 से अधिक बच्चों का सेलेक्शन कर लिया गया और बोला गया की प्रतिदिन शाम को सभी को पढ़ाई के लिए आना है। हम लोग रामानुजम क्लासेस में 150 से अधिक बच्चे पढ़ाई करने लगे। हमे समझ में नहीं आ रहा था कि यह सुपर 30 है या सुपर 150. जब रिजल्ट आया तो मेरा और मेरे एक दोस्त का सेलेक्शन नहीं हुआ। इसका बड़ा कारण केमेस्ट्री रही क्योंकि इसके टीचर ही कभी कभार आते थे। यह उस बैच का हाल है जिसे आनंद कुमार ने टैलेंट हंट का नाम दिया था। मेरे रिजल्ट एस्टेंड लिस्ट में था लेकिन जब सेंटर पर पहुंचा तो सेलिब्रेशन पार्टी चल रही थी और असफल स्टूडेंटस को शामिल कर सुपर 30 के सुपर 30 हीरो बता दिया गया। मैं समझ ही नहीं पाया कि 150 बच्चों के बीच से 30 बच्चे बताना वह भी इसमें कई मेरे जैसे असफल हैं।

अरबाज के दिव्यांगता सर्टिफिकेट पर सवाल

विवादों में आए स्टूडेंट अरबाज आलम रातो रात बाम्बे आईआईटी से मंगलवार को पटना आए। कुछ छात्र राजनेताओं के साथ एक प्रेस कांफ्रेस कर यह बताया कि वे सुपर 30 से ही पढ़े रेगुलर पढ़े हैं और आनंद कुमार ने ही उन्हें आर्थिक मदद कर इस मुकाम तक पहुंचाया है। उनके इस बयान के आने के बाद सोशल मीडिया पर उनकी मां का वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें उनका कहना था कि अरबाज कभी आनंद कुमार से पढ़ा ही नहीं। जब पढऩे गए थे तब कम नंबर आने के कारण भगा दिया गया था। साथ ही अीबाज के हैंडीकैप्ट सर्टिफिकेट पर ही सवाल उठने लगे हैं। बाम्बे आईआईटी के कुछ स्टूडेंटस ने आडियो भेजकर यह पर्दाफाश किया है कि अरबाज का सर्टिफिकेट फेक है और इसकी जांच की जाए तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी। अरबाज ने कहा कि आनंद सर का मामला आने के बाद बांबे आईआईटी के डीन ने मुझे आनंद सर के बचाव में भेजा है। अरबाज ने यह भी कहा कि सारे फैकल्टी ने व्यवस्था करके मुझे फ्लाइट से भेजा है।