RANCHI: रांची में जमीन के कागजात के लिए अब आपको कार्यालय दर कार्यालय नहीं भटकना पड़ेगा. बस एक क्लिक पर आपको 150 साल पहले की जमीन की जानकारी मिल जाएगी. बाहर के लोग भी देश-विदेश के किसी कोने से रांची की खास जमीन के बारे में पूरी तहकीकात कर सकेंगे. इस काम को आसान बनाने जा रहा है निबंधन कार्यालय. जी हां, विभाग में इस पर काम शुरू हो चुका है. निजी एजेंसी के कर्मचारी जमीन के पुराने दस्तावेजों का स्कैनिंग कर उसे ऑनलाइन डेटा में सुरक्षित रख रहे हैं. इसके बाद सभी मूल दस्तावेज से डेटा का मिलान करके उसे ऑनलाइन किया जाएगा. जिसके बाद जमीन खरीदने से पहले उसके कागजात का आसानी से सत्यापन भी किया जा सकेगा.

आजादी के पहले तक की लैंड

रांची के सब रजिस्ट्रार अविनाश कुमार ने बताया कि अभी तक 1970 तक के जमीन के कागजात की स्कैनिंग हो चुकी है. अब 1947 तक के जमीन के कागजात की स्कैनिंग की जा रही है. विभाग से दिशा निर्देश मांगा गया है कि अगर इजाजत मिल जाती है तो रांची में 1865 के जमीन के कागजात को भी आनलाइन सुरक्षित रखा जा सकता है. बता दें कि जिले के मुख्य निबंधन कार्यालय के रिकॉर्ड रूम में 150 सालों से जमा जमीन के रिकॉर्ड को सुरक्षित रखने की दिशा में काम तेजी से चल रहा है. इस समय वर्ष 1947 में आजादी के समय से जमा जमीन के दस्तावेजों की स्कैनिंग की जा रही है. निबंधन कार्यालय में निजी एजेंसी के 10 कर्मचारी लगातार पुराने दस्तावेजों को स्कैन कर रहे हैं.

पांच लाख जमीन के हैं दस्तावेज

रजिस्ट्री ऑफिस के रिकॉर्ड रूम में करीब पांच लाख से अधिक जमीन के दस्तावेज हैं. बहुत सारे दस्तावेज फट चुके हैं. सैकड़ों रिकॉर्ड गल गए हैं, दीवार से सटा कर रखे गए रिकॉर्ड का स्याही मिट गया है. इसका खामियाजा आम लोगों को भुगतान पड़ रहा है. पूर्वजों द्वारा खरीदी गई जमीन के दस्तावेज की सर्टिफाइड कॉपी लेने के लिए लोग कई दिनों तक रजिस्ट्री ऑफिस का चक्कर लगाते रहते हैं. इसके लिए उन्हें नाजायज पैसे भी खर्च करने पड़ते हैं. इसके बावजूद तय समय पर उन्हें सर्टिफाइड कॉपी नहीं मिल पाती है. क्योंकि, रिकॉर्ड रूम में सीरियल वाइज रिकॉर्ड नहीं रखा गया है.

मिलीभगत से बदले गए कागजात

रिकॉर्ड रूम में वर्षो पुरानी जमीन के दस्तावेज में काफी हेराफेरी की गई है. जमीन के रिकॉर्ड में छेड़छाड़ कर जमीन के खाता प्लॉट और रकबा को बदला गया है. पूर्व में रिकॉर्ड रूम की सुरक्षा में तैनात नाइट गार्ड और निबंधन कार्यालय के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से रिकॉर्ड में छेड़छाड़ करने का मामला सामने आया था. इसके बाद गार्ड का ट्रांसफ र दूसरे जिले में कर दिया गया. वहीं, दोनों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था.

फर्जीवाड़े पर लगेगा अंकुश

राज्य के निबंधन और अंचल कार्यालयों को ऑनलाइन कर चुकी सरकार अब जमीन से संबंधित हर तरह के दस्तावेज को ऑनलाइन कर रही है. इससे बाहर के लोग देश-विदेश के किसी भी कोने में बैठकर किसी खास जमीन के बारे में पूरी जानकारी ले सकेंगे. इतना ही नहीं, रजिस्ट्री के समय कोई भी निबंधक निबंधन के लिए दिए गए दस्तावेज का आसानी से सत्यापन कर सकेगा. इससे जमीन की खरीद बिक्री में होने वाले फर्जीवाड़े पर भी काफी हद तक अंकुश लग सकेगा.

वर्जन

पुराने जमीन के दस्तावेजों की स्कैनिंग की जा रही है. अभी तक 1970 तक के दस्तावेज की स्कैनिंग हो चुकी है. जून तक 1947 तक की जमीन के दस्तावेजों को भी ऑनलाइन सुरक्षित रखे जाने का काम पूरा कर लिया जाएगा.

अविनाश कुमार, सब रजिस्ट्रार, रांची