-आईजीआईएमएस में हुए जांच में एक कोरोना पॉजिटिव केस मिला

PATNA: बिहार में कोरोना को मात देकर वेडनसडे को 16वां शख्स भी घर पहुंच गया। हालांकि पॉजिटिव केसेस के बढ़ने का सिलसिला भी जारी है। बुधवार को आईजीआईएमएस में जांच के बाद एक पॉजिटिव केस मिला है। जानकारी के मुताबिक वह नवादा का रहने वाला है जो कुछ दिनों पहले दिल्ली से लौटा था। कोरोना का संदेह होने पर उसकी जांच की गई। इस तरह बिहार में कोरोना पॉजिटिव केसेस की संख्या बढ़कर 39 हो गई है। बुधवार तक कुल 4689 सैंपल की जांच हो चुकी है। इसके अलावा 14 दिनों के ऑब्जरवेशन पीरियड पूरा कर चुके लोगों की संख्या 2938 है। पटना के सिविल सर्जन डॉक्टर आरके चौधरी ने बताया कि बुधवार को उन तीन लोगों के जांच सैंपल भेजे गए जो एयर इंडिया की फ्लाइट में बैठे थे और इनसे कुछ लोग इनफेक्टेड भी हुए थे। इसके अलावा बुधवार को पटना के विभिन्न स्थानों से सैंपल लिए गए। फुलवारी शरीफ और पटना सिटी को कोरोना की दृष्टि से हॉटस्पॉट मानते हुए यहां के विभिन्न मोहल्लों को सैनिटाइज भी किया गया।

बिना ट्रैवल हिस्ट्री वालों की जांच

सिविल सर्जन डॉ आरके चौधरी ने बताया कि अब तक केवल जिनके ट्रैवल हिस्ट्री रही है उनके सैंपल लिए जा रहे थे। अब इसे आगे बढ़ते हुए जो संदेह के दायरे में पाए जा रहे हैं उनका भी सैंपल लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ऐसे इलाके जहां कुछ दिनों पहले ही लोग बाहर से आकर पटना लौटे हैं उन लोगों से एक प्रश्नोत्तरी के माध्यम से जानकारी ली जा रही है। इस काम में आंगनवाडी सेविकाओं और हेल्थ वर्कर को शामिल किया गया है। बुधवार को एनएमसीएच में कोरोना के तीन नए पॉजिटिव पेशेंट एडमिट किए गए। एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ मुकुल सिंह ने बताया कि तीनों सिवान के रहने वाले हैं और एक ही परिवार के हैं। इसमें एक व्यक्ति, उनकी पत्‍‌नी और मां शामिल है। इसके अलावा कोरोना आइसोलेशन वार्ड में 14 नए सस्पेक्टेड केस एडमिट किए गए। इसमें सिवान के इस परिवार के दो बच्चे भी एडमिट किए गए हैं। इसमें एक 3 वर्ष का और दूसरा 1 वर्ष का है। यह पहला मौका है जब यहां के आइसोलेशन वार्ड में बच्चे को एडमिट किया गया है।

शरणम का तीसरा कर्मी भी स्वस्थ होकर लौटा घर

बुधवार को शरणम हॉस्पिटल का तीसरा कर्मी 30 वर्षीय गौतम कुमार भी निगेटिव होकर घर लौटा। पटना के दनियावां के नगर नौसा निवासी गौतम ने कोरोना को हराने के बाद पटनाइट्स से कहा कि कोरोना के लक्षण दिखते ही तुरंत जांच कराएं। इलाज में देर न करें। डॉक्टरी सलाह को गंभीरता से लें, लापरवाही जानलेवा हो सकता है। मास्क पहनें। लोगों से दूरी बनाए रखें। साबुन से बार-बार हाथ धोएं। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में ईश्वर की कृपा और मां-पिता के आशीर्वाद से घर लौटा हूं। डॉक्टरों के निर्देशानुसार 14 दिनों तक आइसोलेट यानी परिवार से अलग-थलग रहूंगा। साथ ही लोगों से हाथ जोड़ कर लॉकडाउन का पालन करने की अपील की।

पॉजिटिव आते ही हो गए थे परेशान

ज्ञात हो कि गौतम के पिता पुरुषोत्तम की कपड़े की दुकान है। मां प्रणिता देवी और एक भाई है। खेमनीचक स्थित शरणम हॉस्पिटल में गौतम रेडियोलॉजिस्ट हैं। मुंगेर निवासी कोरोना पॉजिटिव बिहार के जिस पहले युवक की मौत पटना एम्स में हुई थी, वह शरणम आया था। आईसीयू में उसे उपकरण लगाने के दौरान अनजाने में गौतम समेत अन्य स्टाफ उसके संपर्क में आ गए थे।

6 और 8 की रिपोर्ट आई निगेटिव

अपनों से बातें कर खुद को संभाला

कोरोना को हराने वाले गौतम ने बताया कि यहां रहते हुए मोबाइल से घर, परिवार और दोस्तों के संपर्क में रहा। अपनों से बातें कर खुद को सामान्य रखा। गौतम ने कहा कि मेडिकल से जुड़े होने के कारण पता था कि कोरोना को हरा सकते हैं। इस कारण न तो खुद घबराया और न ही घर वालों को परेशान होने दिया।