RANCHI : शुक्रवार को दवा दुकानों में स्ट्राइक को लेकर झारखंड केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन और झारखंड फार्मासिस्ट एसोसिएशन आमने-सामने है। ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने राज्यभर की 18 हजार दुकानों को बंद करने का निर्णय लिया है, वहीं, झारखंड फार्मासिस्ट एसोसिएशन ने बंद का पुरजोर विरोध करते हुए सभी दवा दुकानों को खोले रखने का फैसला किया है।

क्या है मामला

बताते चलें कि झारखंड फार्मेसी काउंसिल द्वारा बिहार फार्मेसी काउंसिल से रजिस्टर्ड फार्मासिस्टों का रजिस्ट्रेशन खत्म करने का निर्णय लिया है। इसी के विरोध में झारखंड ड्रगिस्ट एंड केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष एसके प्रधान और महासचिव अमर कुमार सिन्हा ने दुकानें बंद करने का निर्णय लिया है। झारखंड फार्मासिस्ट एसोसिएशन के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि दवा दुकानदारों और व्यापारियों को आम जनता की परेशानियों से कोई लेना-देना नहीं है। अगर वे अपने बच्चों को फार्मासिस्ट की पढ़ाई कराकर रजिस्ट्रेशन करा लेते तो ऐसी नौबत ही नहीं आती।

खुले रहेंगी जनऔषधि की दुकानें

डॉ अमर कुमार ने कहा कि राज्य में 1800 दवा दुकानदार और होल सेलर्स हैं। ये सभी झारखंड केमिस्ट्स एंड ड्रगिस्टस एसोसिएशन से जुड़े हुए हैं। ऐसे में लोगों को दवा के लिए परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। इस बीच सरकार की ओर से संचालित जन औषधि केंद्रों को खोलने का निर्णय लिया गया है। जहां से मरीजों को सभी तरह की दवाएं मिलेगी। वहीं क्वासिफाईड रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट की दुकानें आम दिनों की तरह ही खुले रहेंगे।