शहर से लेकर देहात तक 304 कोल्ड स्टोर हैं

केवल 285 को ही जारी हुए हैं लाइसेंस

बिना लाइसेंस के ही चल रहे सात कोल्ड स्टोर

आगरा। जिले में बंद कोल्ड स्टोर भी मुनाफा बटोर रहे हैं, और विभागीय राजस्व को चूना लगा रहे हैं। इस बात का खुलासा सूचना अधिकार 2005 के तहत मांगी गई सूचना के आधार पर हुआ है। ये सूचना किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने मांगी थी। इसके जवाब में उद्यान विभाग ने जो सूचना मुहैया कराई है, वो काफी चौंकाने वाली है।

बंद कोल्ड स्टोर भी कमा रहे मुनाफा

उद्यान विभाग में 304 कोल्ड स्टोर की सूची है। इनमें 285 कोल्ड स्टोर को ही लाइसेंस प्राप्त हैं। 19 कोल्ड स्टोर बंद हो चुके हैं। ताज्जुब की बात ये है कि बंद कोल्ड स्टोर भी मुनाफा बटोरने में जुटे हुए हैं। इसके चलते विभाग को करोड़ों के राजस्व का घाटा हो रहा है, उन्होंने न तो उद्यान विभाग से लाइसेंस प्राप्त किया है, न ही उनसे अनुमति ली है। वे लगातार किसानों के आलू रखने के एवज में मनमाना रेंट वसूल कर मुनाफा कमा रहे हैं। इस बारे में किसान नेता श्याम सिंह चाहर ने बताया कि ये सब विभागीय मिलीभगत से चल रहे हैं। जबकि विभागों की फाइलों में ये सब बंद है। इसके अलावा सात कोल्ड स्टोर तो ऐसे हैं, जिन्होंने अभी तक ही लाइसेंस नहीं लिए हैं। वर्ष 2012 से ये कोल्ड स्टोर उद्यान विभाग को चूना लगा रहे हैं।

बंद कोल्ड स्टोर पर एक नजर

कोल्ड का नाम कोल्ड स्टोर की क्षमता

मै राजकुमारी कोल्ड स्टोर, खंदौली 24387.3 घन मी।

मै फतेहराम शर्मा कोल्ड स्टोर, बिचौला 18879.68 घन मी।

मै केतकी कोल्ड स्टोर, सैंया 15005.22 घन मी।

मै कृष्णा कोल्ड स्टोर, फतेहाबाद 17708.53 घन मी।

मै तैनगुरिया कोल्ड स्टोर, शमसाबाद 21869.54 घन मी।

मै एमएलडीसी आइस एंड कोल्ड स्टोर 16739.67 घन मी।

श्री श्याम श्री कोल्ड स्टोर, उजरई 34415.67 घन मी।

मै जी कोल्ड स्टोर, सैंया 14532.00 घन मी।

पशुपति आइस कोल्ड स्टोर, हाथरस 20459.00 घन मी।

मै नटराज आइस कोल्ड स्टोर, फाउन्ड्रीनगर 12311.22 घन मी।

मै केपी आइस कोल्ड स्टोर, उजरई 31497.99 घन मी।

कन्हैया आइस मैन्यूफैक्चर्स, फ्रीगंज 6763.89 घन मी।

रवि आइस कोल्ड स्टोर 33644.00 घन मी।

अग्रवाल आइस कोल्ड, यमुना ब्रिज 50668.64 घन मी।

बाबा आइस कोल्ड स्टोर, फतेहपुरसीकरी 13393.94 घन मी।

माया आइस कोल्ड स्टोर, सिकंदरा आगरा 11043.89 घन मी।

मुरारी लाल इण्डस्टोज, सिकंदरा 1887.32 घन मी।

सिद्धबाबा कोल्ड स्टोरेज, इरादतनगर 16523.23 घन मी।

श्रीजी कोल्ड स्टोरेज, फतेहाबाद 14524.60 घन मी।

बॉक्स

आधे-अधूरे मानकों पर चल रहे कोल्ड स्टोर

आधे-अधूरे मानकों पर चल रहे कोल्ड स्टोर आबादी के लिए खतरा बने हुए हैं। जिले में 304 कोल्ड स्टोर की सूची उद्यान विभाग में हैं। 19 कागजों में बंद होने के बाद भी संचालित हैं जबकि इसके अलावा सात ऐसे हैं, जिनके पास लाइसेंस ही नहीं है, बता दें कि कोल्ड स्टोर को अग्निशमन व उद्यान विभाग संयुक्त रूप से भौतिक निरीक्षण कर एनओसी देते हैं। इस बार दोनों विभाग के अधिकारियों को निरीक्षण की फुर्सत तक नहीं मिली है। इस बारे में सिटी मजिस्ट्रेट प्रभाकांत अवस्थी ने सभी एसडीएम को कोल्ड स्टोर की जांच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे, अभी तक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हो सकी है।

बॉक्स

बिना निरीक्षण के हो जाता है रिन्युअल

जिले में कोल्ड स्टोरों के रिन्युअल का काम ठेकेदारी पर किया जाता है। नाम न छापने की शर्त पर एक कोल्ड स्टोर संचालक ने बताया कि एक कोल्ड स्टोर के लिए शासन द्वारा 10 हजार रुपये की फीस निर्धारित है। कोल्ड स्टोर संचालकों की बनी एसोसिएशन ही रिन्युअल का काम पूरा कराती है। इनमें मानकों से कोई सरोकार नहीं है। विभाग द्वारा कोल्ड स्टोर में रिन्युअल का काम आंख मूंदकर किया जाता रहा है। इसमें बिना निरीक्षण कराए चार्टड सिविल इंजीनियर और मैकेनिक इंजीनियर से घर बैठकर प्रमाण पत्र बनवा लिया जाता है।

हाईलाइटर

ये हैं लाइसेंस और रिन्युअल के मानक

- कोल्ड स्टोर की फिटनेस का प्रमाण पत्र

- निर्धारित तिथि का चालान पत्र

- बिजली का बिल

- बीमा के दस्तावेज

- जनरेटर और पॉवर बैक का प्रमाण पत्र

- एक एफीडेविट

बॉक्स

नहीं होता भौतिक सत्यापन

उद्यान विभाग के पास ये जानकारी नहीं है कि जिले की किस तहसील में कितने कोल्ड स्टोर हैं, उनके भौतिक निरीक्षण की बात करना तो बेमानी है। आपको बता दें विभागीय अधिकारियों के अनुसार नियमानुसार डीएम की अध्यक्षता में गठित कमेटी भण्डारण से पहले और रिन्युअल और लाइसेंस के समय कोल्ड स्टोर का भौतिक सत्यापन करती है। सभी कुछ ओके होने पर टीम, जिसमें अग्निश्मन विभाग के अधिकारी, उद्यान विभाग के अधिकारी, डीएम द्वारा नामित एक मजिस्ट्रेट शामिल होते हैं, इनकी संस्तुति पर ही कोल्ड स्टोर को डीएम लाइसेंस और प्रति वर्ष रिन्युअल की अनुमति प्रदान करते हैं।

वर्जन

विभागीय मिलीभगत से कोल्ड स्टोर बिना लाइसेंस के संचालित हो रहे हैं। पिछले 6 वर्ष से कई कोल्ड स्टोर करोड़ों रुपये का चूना लगा चुके हैं। ऐसा बिना विभागीय मिलीभगत के संभव नहीं।

श्याम सिंह चाहर किसान नेता