छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : सीतारामडेरा के बाराद्वारी देवनगर स्थित सरदार पटेल आश्रम निवासी वीणा कालिंदी के घर शुक्रवार को दिन के 11 बजे प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत न्यू कनेक्शन लगाने के दौरान गैस सिलेंडर की सील को जैसे ही मैकेनिक ने खोला। गैस तेजी से लीक होने लगा। मैकेनिक ने गैस रिसाव को रोकने की कोशिश में सिलेंडर में रेगुलेटर लगाने का प्रयास किया। इस दौरान तेज दबाव बनने के कारण सिलेंडर अनियंत्रित होकर जलते चूल्हे के सामने पलट गया। जिस कारण सिलेंडर में आग लग गई। कंचनदीप गैस एजेंसी के मैकेनिक ब्रजनायक पांडेय और हेल्पर बैद्यनाथ मिश्रा बुरी तरह झुलस गए देखते ही देखते आग ने भयावह रुप धारण कर लिया जिससे 19 झुग्गी-झोपड़ी जलकर राख हो गए।

लोगों की बचाई जान

इस दौरान अपनी जान पर खेलकर आस-पास स्थित बस्ती के युवकों ने घरों से बच्चों और बुर्जुगों को सुरक्षित निकाल लिया। सूचना पर झारखंड अग्निशमन और टाटा स्टील की छह फायरब्रिगेड मौके पर पहुंची। जिसके बाद एक घंटे के भीतर आग पर काबू पाया। प्रदेश के सीएम रघुवर दास के विधायक प्रतिनिधि पवन अग्रवाल, डीसी अमित कुमार, डीडीसी सूरज कुमार समेत अन्य अधिकारियों ने मौके पर पहुंच नुकसान और घटना के कारण का जायजा लिया।

पहुंचाई गई राहत सामग्री

सरदार पटेल आश्रम में आगजनी की सूचना पर सीएम रघुवर दास के विधायक प्रतिनिधि पवन अग्रवाल पहुंचे। उन्होंने आगजनी के शिकार हुए पीडि़त परिवार के लोगों के ख्राने-पीने के लिए ब्रेड, बिष्टकुट, केला आदि का इंतजाम करवाया, साथ ही लोगों को सर छुपाने के लिए सामुदायिक भवन की व्यवस्था कराई गई। वहीं पीडि़त परिवार का हाल जानने एवं घटना की जानकारी लेने पहुंचे जिले के डीसी अमित कुमार की ओर से राहत सामाग्री के तौर पर चुड़ा-गुड़ आदि की व्यवस्था करायी गई।

रह-रहकर हो रहा था धमाका

वीणा कालिंदी के घर में पीएम उज्जवला योजना के तहत न्यू गैस कनेक्शन लगाने के दौरान सिलेंडर फटने के कारण आग तेजी से बस्ती के अन्य घरों में फैल गया। इसके बाद आश्रम में रहने वाले दो अन्य लोगों के घरों में रखा सिलेंडर में भी आग लग गई। तीन सिलेंडर में आग लगने के कारण हो रहे धमाके से आस-पास के लोग अनहोनी की आशंका में बुरी तरह सहम गए थे। इस दौरान तीनों सिलेंडर ब्लास्ट कर गए, लेकिन जान का कोई नुकसान नहीं हुआ।

मैं और मेरे बच्चे तो जिंदा जल जाते

वीणा कालिंदी की बेटी नेहा ने बताया कि उसके घर पर गैस कनेक्शन जोड़ने को गैस एजेंसी के मैकेनिक आए थे। वह उस समय चूल्हा पर खाना बना रही थी। संयोग ही रहा कि इस बीच वह अपने बच्चों को छोड़ने के लिए पास में ही रहने वाले अपने सास-ससुर के घर चली गई। वहां से जब वापस लौटने लगी तो उसे जानकारी हुई कि घर में आग लग गई है। जिसके बाद उसे बस्ती के लोगों ने उस ओर जाने नहीं दिया। नेहा ने कहा कि अगर वह घटना के वक्त घर पर रहती तो वह और उसका बच्चा दोनों ही जल जाते।