किसने किया समर्थन
बताया जा रहा है कि यूसीपीएन माओवादी, संयुक्त मधेसी फ्रंट और अन्य दलों के नेतृत्व में 19 दलों के गठबंधन ने जबरदस्त आंदोलन का समर्थन किया. इस अंदोलन का मुख्य उद्देश्य नेपाली कांग्रेस नीत सरकार की प्रक्रिया को बाधित करना है. गौरतलब है कि कांग्रेस नीत सरकार मतदान के माध्यम से संविधान लाना चाहती है. बताते चलें कि 601 सदस्यीय संविधान सभा में नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल नीत गठबंधन के पास दो तिहाई बहुमत है. गौरतलब है कि इतने ही बहुमत की जरूरत है संविधान लिखने के लिये.

जनजीवन रहा अस्त-व्यस्त
आज देशव्यापी आम हड़ताल के दौरान जनजीवन बुरी तरह से अस्त-व्यस्त रहा. स्कूल, कॉलेज, बाजार सभी कुछ बंद रहे. इसके साथ ही निजी एवं सार्वजनिक परिवहन सभी तरह की सेवाएं पूरी तरह से स्थगित ही थीं. बताया जा रहा है कि सत्तारूढ़ दल और विपक्षी गठबंधन शासन के ढांचे, संघीय ढांचा और चुनाव प्रणाली सहित मुख्य मुद्दों को लेकर सभी पूरी तरह से बंटे हुए थे. इसको लेकर फेडरेशन ऑफ नेपाली जर्नलिस्ट (एफएनजे) ने सरकार को जानकारी दी कि पत्रकारों को भी हर तरह से सुरक्षा मुहैया कराई जाये.

जो उल्लंघन करता दिखा, उसे लिया आड़े हाथों
इसके साथ ही एफएनजे ने जारी अपने बयान में कहा कि प्रदर्शनकारियों ने प्रेस एजेंसियों के वाहनों में भारी तोड़फाड़ की. इतना ही नहीं बंद के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में भी पत्रकारों से दुर्व्यवहार किया गया. खबर है कि उग्र प्रदर्शनकारियों ने सुबह सिराहा जिले में पूर्व-पश्चिम राजमार्ग के पास मीडिया के एक वाहनों में जमकर तोड़फोड़ की. वहीं यह भी सुनने में आया है कि काठमांडू के पास ललितपुर शहर में बंद के बावजूद जो कोई भी बंद का उल्लंघन करता दिखा, प्रदर्शनकारियों ने उसे आड़े हाथों ले लिया. यहां तक की प्रदर्शनकारियों ने एक टैक्सी में आग भी लगा दी.

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