-दून की अदालतों में 98428 केस, हरिद्वार जिले में 58042 केस
-स्टेट के न्यायालयों में लंबित केसों की संख्या में 58 परसेंट की वृद्धि
देहरादून, उत्तराखंड के न्यायालयों में 2 लाख 32 हजार 338 केस पेंडिंग पड़े हैं. ये आंकड़ा वर्ष 2018 तक का है, जिनमें कई पीडि़त न्याय के इंतजार में हैं. न्यायालयों में पिछले 4 वर्ष में 58 परसेंट तक पेंडेंसी बढ़ी है. आपराधिक मामलों में तो पेंडिंग केसेज का परसेंटेज 72 तक पहुंच चुका है. उत्तराखंड हाई कोर्ट के लोक सूचना अधिकारी द्वारा आरटीआई में ये जानकारियां उपलब्ध कराई गईं.
आरटीआई में मांगी थी सूचना
काशीपुर निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट नदीमउद्दीन ने हाई कोर्ट के लोक सूचना अधिकारी से हाई कोर्ट समेत राज्य के सभी कोर्ट्स में पेंडिंग मामलों की जानकारी मांगी. लोक सूचना अधिकारी रमेश चंद्र काण्डपाल द्वारा जानकारी उपलब्ध कराई गई, जिसमें 2018 तक का डाटा दिया गया है. दी गई जानकारी के मुताबिक हाई कोर्ट व अधीनस्थ कोर्ट में 1,98,300 आपराधिक मामले व 34, 038 दीवानी मामले शामिल हैं. इस तरह कुल 2 लाख 32 हजार 338 केस पेंडिंग हैं.
4 वर्ष में 58 परसेंट बढ़ी पेंडेंसी
आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2014 के अंत तक न्यायालयों में पेंडिंग केसेज की संख्या 1,68,431 थी. इनमें 1,22,159 आपराधिक व 46272 केस दीवानी थे. 2018 के अंत तक 4 वर्ष में 97956 और केस पेंडेंसी लिस्ट में जुड़ गए. आपराधिक केसों में 88846 का इजाफा हुआ है, जो 72 परसेंट है, जबकि दीवानी केसों में 9110 का इजाफा हुआ है, जो 19 परसेंट है. ऐसे में ओवरऑल 58 परसेंट की दर से पेंडेंसी बढ़ी है.
31 दिसंबर 2018 जिलेवाल पेंडिंग केस
देहरादून-- 98429
हरिद्वार--58042
ऊधमसिंहनगर-- 43451
अल्मोड़ा--1239
बागेश्वर-- 494
चमोली--1104 चमोली
चंपावत-- 1477
नैनीताल--16398
पौड़ी--5547
पिथौगरागढ--1486
रुद्रप्रयाग--1025
टिहरी--2223
उत्तरकाशी--1423