ऊर्जा मंत्री तानेर यिलज़िद ने बताया कि मनीसा प्रांत के सोमा में स्थित खान में बिजली के सिस्टम में गड़बड़ी के कारण धमाका हुआ.

उन्होंने बताया कि जिस वक़्त धमाका हुआ उस समय खान में 787 कामगार मौजूद थे. राहत और बचाव कार्य जारी है.

यह निजी खान राजधानी अंकारा से 450 किलोमीटर पश्चिम में है. इस हादसे में प्रभावित खनिकों के परिजन खान के क़रीब जमा हुए हैं.

यिलज़िद ने टर्किश टीवी पर मृतकों की संख्या की पुष्टि की और साथ ही बताया कि इस हादसे में क़रीब 80 लोग घायल हुए हैं.

बचाव कार्य

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उन्होंने कहा कि घटना के समय जितने लोग खान में मौजूद थे उनमें से केवल 360 का ही पता चला है जिनमें मृतक भी शामिल हैं.

यिलज़िद ने कहा कि कार्बन मोनोऑक्साइड के कारण अधिकांश लोगों की मौत हुई. खान में फंसे खनिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव कार्य जारी है और खदान के भीतर पाइप के ज़रिये ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही है ताकि मज़दूरों को सांस लेने में दिक्क़त ने पेश आए.

इलेक्ट्रिकल फॉल्ट के कारण बिजली गुल हो गई जिससे खान में खनिकों को लाने ले जाने वाली व्यवस्था ठप हो गई. माना जा रहा है कि खनिक सतह से दो किलोमीटर नीचे और प्रवेश द्वार से चार किलोमीटर अंदर फंसे हैं.

धमाका मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय समय के अनुसार क़रीब साढ़े 12 बजे हुआ. शुरुआती रिपोर्टों में कहा गया था कि 17 लोग मारे गए हैं.

अधिकारियों का कहना है कि धमाका, एक ख़राब पावर यूनिट की वजह से हुआ है जो खदान में लगभग दो किलोमीटर की गहराई पर स्थित है.

एक वरिष्ठ स्थानीय अधिकारी महमत बहत्तीन अटकी ने कहा कि धुएं की वजह से बचाव में दिक़्क़त आ रही है.

कार्यक्रम

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इस बीच प्रधानमंत्री कार्यालय के मुताबिक़ प्रधानमंत्री रिसेप तय्यप अर्दोगन ने अल्बानिया यात्रा पर जाने का कार्यक्रम टाल दिया है और वह सोमा जा रहे हैं.

खान के मालिकाना हक़ रखने वाली कंपनी सोमा कोमर इस्लेटमेलेरी ने एक बयान में कहा कि घटना की जाँच जारी है लेकिन व्यापक सुरक्षा उपायों के बावजूद यह हादसा हुआ.

बयान में कहा गया है, "हमारी प्राथमिकता अंदर फंसे यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने की है ताकि वे अपने परिजनों से मिल सकें."

विश्लेषकों का कहना है कि अन्य औद्योगिक देशों की तुलना में तुर्की के कोयला खनन उद्योग का सुरक्षा रिकॉर्ड अच्छा नहीं है.

साल 1992 में तुर्की में एक खनन हादसे में 270 मज़दूरों की मौत हो गई थी.

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