नई दिल्ली (एएनआई)। भारत के बाएं हाथ के बल्लेबाज सुरेश रैना ने 2011 विश्व कप विजेता भारतीय टीम की प्रशंसा करते हुए कहा, कि हम एक परिवार की तरह थे। रैना ओपनिंग बल्लेबाज रोहित शर्मा के साथ एक इंस्टाग्राम पर लाइव चैट कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने 2011 वर्ल्डकप से जुड़ी यादें ताजा की। रैना ने बातचीत के दौरान शर्मा से कहा, "टीम में सभी ने प्रेरित किया और एक-दूसरे की मदद की। यह एक परिवार की तरह था। प्रबंधन ने सभी को महत्व दिया। आईसीसी टूर्नामेंटों में प्रबंधन की अहम भूमिका होती है।"

भारत को सही वक्त पर मिली हार

2011 के विश्व कप विजेता रैना ने यह भी बताया कि, भारत को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ग्रुप-स्टेज मैच में मिली हार सही वक्त पर आई थी। रैना ने कहा कि प्रोटियाज के खिलाफ हार सही समय पर आई और इसने टीम को चीजों को ठीक करने का मौका दिया। वह कहते हैं, 'जब हम 2011 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मैच हार गए थे, उसके बाद हमारी काफी बैठकें हुईं। सचिन पाजी ने भी कहा कि हम सभी को सकारात्मक और एकजुट रहना चाहिए। माही भाई और सचिन पाजी लोगों को प्रेरित करने में असाधारण थे। उन्होंने कहा, "हमने सभी को प्रेरित किया और फिर हम नाकआउट चरण में चले गए। मुझे लगता है कि हम सही समय पर मैच हार गए और फिर बैठकें सही समय पर हुईं।'

क्वार्टर फाइनल में खेली महत्वपूर्ण पारी

टूर्नामेंट में, रैना ने सिर्फ चार मैच खेले। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 34 रनों की महत्वपूर्ण नाबाद पारी भी खेली। इस पारी को याद करते हुए रैना ने कहा, 'ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच में, युवी पा को मेरा साथ देना था। जब हम ड्रेसिंग रूम में थे, तब उन्होंने कहा कि हम समझदारी से खेलेंगे। सचिन पाजी ने मुझसे कहा कि मैं मैच जिताऊ पारी खेलूंगा, यह मुझे विश्वास है। जैसा कि मैंने कई लीग गेम नहीं खेले। गैरी कर्स्टन ने भी मेरी मदद की, वह थ्रो-डाउन के मामले में हमेशा वहां थे।

मेरे अंदर अभी भी क्रिकेट बाकी

बल्लेबाज सुरेश रैना ने कहा कि उनके पास अभी भी कुछ क्रिकेट बाकी है क्योंकि बाएं हाथ के स्टार ने एक बार फिर नीली जर्सी में खेलने की इच्छा व्यक्त की। रैना कहते हैं, 'जब मैं टीम से बाहर था, तो मैं अपने खेल पर काम कर रहा था, मैं चोटिल हो गया था इसलिए मैंने अपनी फिटनेस पर काम किया। मैंने यो-यो टेस्ट भी पास कर लिया। सब कुछ मेहनत पर निर्भर है।' रैना ने बातचीत के दौरान रोहित से कहा, " मुझे अब भी विश्वास है कि मेरे अंदर अभी भी कुछ क्रिकेट बाकी है, मैंने हमेशा अपने खेल का आनंद लिया है जब चीजें अच्छी नहीं होती हैं, तो आपको किसी पर भरोसा और विश्वास दिखाने की जरूरत है, अगर खिलाडिय़ों को वांछित विश्वास मिलता है, तो वे चमत्कार कर सकते हैं।'

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