फलित ज्योतिष के अनुसार, 31 दिसम्बर 2018 की रात्रि-बारह बजे 1 जनवरी-2019 का प्रारंभ कन्या लग्न तथा तुला राशि में हुआ। उस समय मंगल का भोग्य-काल था, जिसके अनुसार मंगल की महादशा में केतु का अंतर- 21/4/2019 तक तथा उसके बाद मंगल में शुक्र-20/4/2020 तक रहेगा। लग्नेश बुध—बृहस्पति के साथ लग्न से तृतीय भाव में है, जो भारतवर्ष को आर्थिक दृष्टि से सुदृढ़ बना रहा है। राष्ट्रीय-विकास एवं प्रशासनिक व्यवस्थाएं उत्तम रहेंगी। विश्व बाज़ार में भारत का वर्चस्व बढ़ेगा तथा शक्तिशाली राष्ट्र भारत से अपना व्यापारिक संबंध बढ़ाने के इच्छुक रहेंगे।

डॉलर के मुक़ाबले रुपया मज़बूत होगा

राष्ट्र की सैन्य-शक्ति समृद्ध होगी। लग्नेश बुध के दशमस्थ होने से डॉलर के मुक़ाबले भारतीय-मुद्रा (रुपये) में मज़बूती आएगी। दक्षिण-पश्चिम के देशों से भारत की निर्यात-आयात व्यवस्था फलदायक रहेगी, जिससे भारतीय-मुद्रा भण्डारण मज़बूत होगा। अनेक विदेशी कंपनियां भारत में अपना व्यवसाय बढ़ाने एवं बड़ी पूँजी लगाने हेतु होड़ लगाती दिखेंगी, जिससे विदेशी पूँजी निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

सैन्य आयुधों एवं तकनीकी प्रसार में तेज़ी

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भारतीय बजट का बहुत बड़ा भाग रक्षा क्षेत्र में लगने का पूर्ण योग है। आर्थिक मज़बूती के साथ भारत की सीमा सुरक्षित होगी। उत्पादन एवं उपयोग की वस्तुएं सुलभ रहेंगी। कच्चे तेलों का बाज़ार स्थिर रहेगा। सैन्य आयुधों एवं तकनीकी प्रसार में तेज़ी रहेगी।

विश्व के शेयर बाज़ार में अनिश्चितता

जगलग्न के विचार से भारत की अपेक्षा विश्व के अन्य देशों में उत्पादन तथा रोज़गार में कमी आएगी। सप्तमस्थ मंगल के कारण विश्व के शेयर बाज़ार में कुछ राजनीतिक उथल-पुथल के कारण से अनिश्चितता का वातावरण बना रहेगा। पेट्रोल, डीज़ल एवं घरेलू गैस में स्थिरता बनी रहेगी। प्रभावशाली राष्ट्रों के मध्य किसी अप्रिय राजनीतिक या आर्थिक अनुबंध को लेकर मतभेद होगा, जिसके कारण अंतरराष्ट्रीय व्यापार अनुबंध के उल्लंघन की घटनाएं होंगी। संयुक्त राष्ट्र संघ विश्व की अर्थनीति में हस्तक्षेप कर सकता है, जैसा कि बृहस्पति-मंगल की युति से स्पष्ट है।

घरेलू व्यापार एवं उद्योगों में वृद्धि

वर्ष-लग्न के विचार से भारत के घरेलू व्यापार एवं उद्योगों में वृद्धि होगी। कला व तकनीकी क्षेत्र में कई एक महत्वपूर्ण अनुबंध होंगे, जो देशहित में सहायक होंगे। विदेशी व्यापार व पूँजी-निवेश में वृद्धि होगी।

आर्थिक भ्रष्टाचार एवं ब्लैकमनी पर रोक

वर्ष के मध्य में शेयर मार्केट में भारी उतार-चढ़ाव होगा। सत्ता-शासन की बहुमत प्रबलता के कारण कुछ कठोर किन्तु उन्नतिशील आर्थिक प्रस्ताव पारित किए जाएंगे, जिसके चलते आर्थिक भ्रष्टाचार एवं ब्लैकमनी पर रोक लगेगी। शिक्षा, चिकित्सा तथा कृषि पर बजट में बड़ी धनराशि का प्रावधान होगा। मुद्रा-भण्डारण की मज़बूती से भारतीय शेयर मार्केट में अच्छा उछाल आएगा।

बैंकों के अच्छे दिन आएंगे

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16 मई, 2019 के बाद विदेशी-मुद्रा विशेषकर डॉलर के मुक़ाबले रुपये की स्थिति में संतोषजनक मज़बूती आएगी। आगामी वर्ष में सबसे महत्वपूर्ण यह होगा कि बैंकों के फंसे बड़े क़र्ज़ की अदायगी अच्छी होगी। आर्थिक भगोड़ों से भारी मात्रा में धन की प्राप्ति होगी, जिससे एग्रीकल्चर एवं सोशल वेलफ़ेयर की अनेक कारगर योजनाएं मूर्तरूप लेंगी।

एशियाई बाज़ार के मज़बूत रुझानों से भी भारतीय शेयर बाज़ार में लिवाली को बल मिलेगा।ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जुड़े शेयरों आगामी वर्ष में अच्छी उम्मीदें दिखेंगी। नववर्ष-2019 में भारत की पूर्ण बहुमत की मज़बूत सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था के पक्ष में अतिआवश्यक घोषणाएं करेगी। आगामी वर्ष में विशेषकर अप्रैल से नवंबर के मध्य भारतीय मुद्रा मूल्यवान होगी, जिससे राजस्व की स्थिति में क्रांतिकारी सुधार आएगा।

भारतीय अर्थव्यवस्था पूर्णत: डिजिटल होगी

शनि का प्रभुत्व बढ़ने से इसी अवधि में भारतीय अर्थव्यवस्था पूर्णत: डिजिटल होगी। अमेरिका और चीन का बाज़ार क़ानूनी दांव में फंसकर उनके अपने आंतरिक कारणों से लगभग कमज़ोर पड़ेगा। उद्योग-व्यापार में महिलाओं की हिस्सेदारी तीव्र गति से बढ़ेगी। भारत के दक्षिण क्षेत्र में महिलाएं आर्थिक प्रगति में अधिक सक्रिय होंगी। कामकाजी महिलाओं के लिए 2019 का वर्ष अति सुनहरा अवसर लेकर आ रहा है।

महिलाओं का योगदान बढ़ेगा

बैंकिंग, वित्तीय सेवा, इंश्योरेंस,आईटी सॉफ़्टवेयर और पर्यटन के क्षेत्र में महिलाओं का योगदान 15 से 20 प्रतिशत बढ़ेगा। कुल मिलाकर आगामी वर्ष में भारत विश्व-स्तर पर अर्थव्यवस्था से लेकर पूंजी की मज़बूती, सूचना प्रौद्योगिकी एवं आउटसोर्सिंग के क्षेत्र में उन्नति के शिखर तक जा सकता है। टेक्नोलॉजी की दृष्टि से भारत मिसाल बनेगा। वैश्विक व्यापार के स्तर पर भारतीय अर्थव्यवस्था की मज़बूती में महिलाओं का योगदान वर्तमान के 17 प्रतिशत से बढ़कर 20 प्रतिशत तक का होगा। 

— ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट

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