RANCHI: कर्नाटक के डीजीपी ओमप्रकाश से अप्रैल ख्0क्भ् में क्ख् हजार रुपए की ठगी करने वाला साइबर क्रिमिनल्स का गिरोह रांची से गिरफ्तार कर लिया गया है। क्00 से ज्यादा ठगी को अंजाम देने वाले ये सभी ख्क् क्रिमिनल्स पिछले दो माह से जगन्नाथपुर थाना क्षेत्र के पटेलनगर रोड नंबर क्भ् स्थित एक दो मंजीला मकान में किराए के घर में रहते थे। कर्नाटक पुलिस चिक मंगलूर टाउन थाना में बीते ख्0 मार्च को दर्ज हुए कांड संख्या क्8ख्/क्7 की छानबीन करते हुए रांची पहुंची थी। यहां रांची पुलिस के ज्वाइंट ऑपरेशन में अब तक की यह सबसे बड़ी सफलता पुलिस को मिली है। सभी को फिलहाल जगन्नाथपुर थाना में रखा गया है, जहां कर्नाटक और रांची पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। रांची एसएसपी कुलदीप दिवेदी ने बताया कि सभी को कर्नाटक पुलिस लोकल मजिस्ट्रेट के पास पेश करने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर लेगी। फिर सभी को कर्नाटक ले जाया जाएगा। गिरोह का सरगना कारू सिंह समेत चार लोग अब तक फरार हैं।

हर माह क्ख् हजार देता था सरगना

रांची एसएसपी ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों में ख्0 कर्नाटक से संबंध रखते हैं, जबकि इनका सरगना कारू सिंह बिहार के बिहार शरीफ का रहने वाला है। पैसे ठगने के लिए उसने सभी को हायर किया था। हर अपराधी को बारह हजार रुपए महीने कालू सिंह ही दिया करता था। ये बड़े ही शातिराना तरीके से लोगों की जेब खाली करते थे। इनका बकायदा एक नेटवर्क बना हुआ था, जो भोले-भाले लोगों को एटीएम कार्ड खराब होने की बात कहकर उसका पिन नंबर लेते और पैसे निकाल लेते। इसके अलावा जन्म प्रमाण पत्र मृत्यु प्रमाण पत्र सर्टिफिकेट बनाकर लोगों को ठगा करते थे।

ऐसे हुई गिरफ्तारी

एक अपराधी ने खुद को बैंक कर्मचारी बता कर कर्नाटक के डीजीपी से क्ख्,000 रुपए ठग लिए थे। अप्रैल के दूसरे हफ़्ते में कार्ड रिन्यूअल के नाम पर डीजीपी से उनके कार्ड नंबर और एटीएम पिन नंबर की जानकारी मांगी थी। डीजीपी ने क्रेडिट कार्ड अकाउंट की सारी जानकारी ठगों को दे दी थी। इधर, जब कर्नाटक पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो, अपराधियों के तार झारखंड से जुड़ने लगे। कर्नाटक पुलिस ने होमवर्क कर सबसे पहले सभी साइबर अपराधियों का लोकेशन निकाला और रांची पुलिस से संपर्क किया। इसके बाद कर्नाटक पुलिस की टीम रांची पहुंची। यहां रांची पुलिस के साथ संयुक्त छापेमारी कर सभी अपराधियों को दबोच लिया गया।

ठगी के कई तरीके (बॉक्स)

हैदराबाद के रहने वाले गिरफ्तार एक साइबर अपराधी टेकचंद ने बताया कि वे लोग जॉब दिलाने के नाम पर पैसों की ठगी करते हैं। लैपटॉप देने के बहाने भी पैसों की ठगी करते हैं। इसके अलावा लोगों से एटीएम कार्ड खराब होने के कारण बैंक अकाउंट बंद होने की बात कहकर भी एटीएम की डिटेल्स लेकर साइबर क्राइम करते हैं। इन लोगों का देशभर में नेटवर्क बना हुआ है। ये अपराधी बर्थ और डेथ सर्टिफिकेट बनाकर भी लोगों से पैसे ठग चुके हैं। इन लोगों ने अब तक सौ से अधिक लोगों से पैसे ठगी करने की बात स्वीकारी है।

पकड़े गए आरोपियों के नाम (बॉक्स)

एम चीना, रबीका, संगनीव के, कृष्णामूर्ति, रविंदू, राजमोहन, के वेंकट (तेलंगाना), अब्दुल हासिन, हुसैन, मनजुनाय, नागालिगा, अमरेश, संजति (कर्नाटक), राज, विगनेश, पारती भान, प्रवीण कुमार, टे चन दुबे, शंकर एस, तारयां(तमिलनाडू) आदि शामिल हैं।