हादसा रविवार शाम पौने तीन बजे के क़रीब पूर्वी अंडमान और निकोबार इलाक़े में समुद्र तट से तीन किलोमीटर दूर हुआ.

हादसे की जगह रॉस आयलैंड और नॉर्थ बे के बीच बताई गई है.

मरीन रेस्क्यू एंड कोऑर्डिनेशन कमांड को हादसे की ख़बर क़रीब चार बजे मिली. मगर तब तक मछुआरों ने कुछ लोगों को बचा लिया था.

बीबीसी से बातचीत में पोर्ट ब्लेयर के कलेक्टर पी जवाहर ने बताया, ''हमने अब तक 13 लोगों को बचा लिया है. नाव पर तीन बच्चे भी सवार थे जिनमें से एक की डूबकर मौत हो गई है.''

उन्होंने बताया, ''बचाव और राहत का काम जारी है. भारतीय कोस्ट गार्ड और भारतीय वायु सेना बचाव कार्यों में लगे हैं. नाव पर क़रीब 45 लोग सवार थे. नाव के डूबने के मामले में जांच की जाएगी.''

क्षमता से ज़्यादा लोग?

अधिकारियों ने बताया है कि 51 पर्यटकों में क़रीब 32 तमिलनाडु और पांच मुंबई के थे.

डीजी पुलिस सुधीर यादव ने बताया, ''यह कम दूरी तक जाने वाली नाव थी. हमें अंदेशा है कि इसमें इतने ज़्यादा लोगों को ले जाने की क्षमता नहीं थी.''

इस बारे में एक अख़बार के संवाददाता ज़ुबैर अहमद के मुताबिक़ हादसे का शिकार हुई नाव का नाम एक्वा मरीन है जो रॉस आयलैंड, नॉर्थ बे और वाइपर आयलैंड के बीच पर्यटकों को घुमाने ले जाती है.

उन्होंने बताया कि ये तीनों जगहें पोर्ट ब्लेयर से एक किलोमीटर के दायरे में हैं. उन्होंने बीबीसी को बताया कि इसकी क्षमता 30 लोगों को ले जाने की है. मगर इसमें ज़्यादा लोग सवार थे.

लोगों की तलाश के लिए राहत और बचाव अभियान रात में जारी है. इसके लिए नावों और हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल किया जा रहा है.

मजिस्ट्रेट जांच

अंडमान प्रशासन ने पोर्ट ब्लेयर के पास हुए नाव हादसे की जांच करने का फ़ैसला लिया है.

इस बारे में अंडमान और निकोबार आयलैंड्स की शिपिंग कमिश्नर पुण्य श्रीवास्तव ने बीबीसी को बताया, ''इस मामले में मजिस्ट्रेट जांच की घोषणा की जाएगी ताकि पता लगाया जा सके कि नाव डूबने की वजह क्या थीं.''

उन्होंने बताया कि हादसे की जांच कल से ही शुरू हो जाएगी.

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