- 48 हजार वर्ग मीटर में बसा है बंगला नंबर 210बी

- सुप्रीम कोर्ट से लेकर रक्षा मंत्रालय तक पहुंचा था मामला

Meerut: छावनी क्षेत्र का बंगला नंबर 210बी में रहने वाले सैकड़ों लोग अपने आशियाने को बचाने की जद्दोजहद से जूझते रहे हैं। हाईकोर्ट के डबल बेंच ने रक्षा मंत्रालय की जमीन बताते हुए सभी निर्माण को अवैध मान जमीन की रजिस्ट्री को खारिज कर दिया था। प्रमुख बिल्डर को छह महीने की जेल की सजा भी सुनाई थी। हाईकोर्ट के आदेश के बाद कैंट बोर्ड एक्शन की तैयारियों में जुटा था। तो दूसरी ओर बंगले में रहने वाले लोग आदेश आने के बाद से तनाव में जी रहे थे। कैंट का बुलडोजर कब आए और अवैध निर्माण को ध्वस्त कर जाए।

तीन भागों में बंगला नंबर 210

बंगला 210बी तीन हिस्सों में बंटा हुआ है। बंगला नंबर 210ए 47 हजार वर्ग मीटर। बंगला नंबर 210बी 48 हजार वर्ग मीटर। बंगला नंबर 210सी आठ हजार वर्ग मीटर। बंगले में रहने वाले लोगों के मुताबिक 1879 में 7350 रुपये में मेरठ के कलेक्टर ने बंगला नंबर 210 जिसमें तीनों ए, बी, सी थे, पुरुषोत्तम सिंह को नीलाम किया था। 1888 में इसे पुरुषोत्तम से कुंदन लाल ने खरीद लिया। कुंदन लाल ने बंगले को तीन हिस्सा ए, बी, सी करके बेचा। बंगला नंबर 210बी का हिस्सा कंपा देवी ने खरीदा। कंपा देवी ने बंगला नंबर 210बी को अपनी बहू पुष्पादेवी के नाम पर 1916 में कर दिया। पुष्पा देवी का नाम जनरल लैंड रिकॉर्ड में भी दर्ज हुआ। वर्तमान में मालिक प्रमुख बिल्डर आनंद प्रकाश हैं। जिन्होंने बंगले की जमीन रजिस्ट्री की।

ध्वस्तीकरण का आदेश

कैंट बोर्ड ने हाईकोर्ट में 1995 में यहां के तमाम निर्माणों को अवैध मानते हुए केस दायर किया था। इस पर हाईकोर्ट ने स्टे दे दिया। फिर भी निर्माण होता रहा। कैंट बोर्ड ने अवमानना का केस दाखिल कर दिया। हाईकोर्ट ने 29 जनवरी 2014 को अवमानना की पुष्टि करते हुए संबंधित बिल्डर आनंद प्रकाश के खिलाफ छह महीने की जेल और बंगले के ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया। आनंद प्रकाश ने डबल बेंच में अपील की। डबल बेंच में भी अपील खारिज हो गई और सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के फैसले को सही माना। 29 अप्रैल को हाईकोर्ट ने 23 अन्य अपीलकर्ता की अपील खारिज कर दी।

दिग्गजों का है यहां आशियाना

बंगला नंबर 210बी में कई आलीशान कोठियां और आवास हैं। करीब 94 आवास, शॉपिंग माल आदि बने हैं, जिसमें सैकड़ों लोग रहते हैं। बंगले में कई सेलीब्रिटिज से लेकर दिग्गज लोगों का आशियाना है। सावधान इंडिया फेम सुशांत सिंह भी यहीं रहते हैं, उनके माता पिता इस समय बंगले में अपनी जीवन भर की कमाई से घर बनाकर रह रहे हैं।

बी 3 लैंड रजिस्टरी और निर्माण दोनों गलत

कैंट बोर्ड के अनुसार बी- 3 लैंड है। जमीन की रजिस्टरी और निर्माण दोनों गलत हैं। 1996 के बाद सरकारी जमीन की 58 रजिस्टरी खारिज हो गई है। सरकारी बंगले की भूमि पर जो भी अवैध निर्माण हुआ है, उसके खिलाफ कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्रवाई होगी।