कानपुर। 23 दिसंबर का दिन भारतीय क्रिकेट के लिए कभी नहीं भूलने वाला है। यह वो दिन था जब टीम इंडिया को दो वर्ल्ड कप जिताने वाला कप्तान मिला। जी हां यह कोई और नहीं महेंद्र सिंह धोनी हैं। धोनी ने आज से 14 साल पहले 23 दिसंबर 2004 को इंटरनेशनल क्रिकेट में कदम रखा था। धोनी ने टीम इंडिया में इंट्री विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में की थी, मगर बहुत जल्द भारतीय टीम के कप्तान बन गए। इस दौरान माही ने न सिर्फ दिमाग से बल्कि बल्ले से भी बेहतरीन खेल दिखाया।
पहली गेंद पर बनाए इतने रन
धोनी को दुनिया का बेस्ट फिनिशर भी कहा जाता है मगर उनका डेब्यू मैच कैसा रहा था, आइए यह भी जान लेते हैं। क्रिकइन्फो पर मौजूद डेटा के मुताबिक, माही ने 23 दिसंबर को बांग्लादेश के खिलाफ चिटगांव में वनडे डेब्यू किया। इस मैच में धोनी सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करने आए। उस वक्त भारत का स्कोर 5 विकेट पर 180 रन था। धोनी ने पहली गेंद खेली और रन के लिए भागे मगर दूसरे छोर पर खड़े बल्लेबाज ने एमएस को मना कर दिया मगर तब तक धोनी आधी क्रीज तक आ चुके थे। वह जब तक वापस क्रीज पर लौटे, विकेट की गिल्लियां उड़ चुकी थीं। इस तरह धोनी का ड्रीम डेब्यू किसी बुरे सपने जैसा रहा और डेब्यू मैच में वह बिना खाता खोले पवेलियन लौट गए।
पांचवें मैच में खेली ताबड़तोड़ पारी
डेब्यू मैच में पूरी तरह से फ्लाॅप हो चुके धोनी अगली चार पारियों में भी कुछ खास रन नहीं बना पाए थे। ऐसे में उनके टीम में इंट्री को लेकर सवाल खड़े होने लगे मगर माही ने इन सवालों का करारा जवाब पांचवीं पारी में दिया। 5 अप्रैल 2005 को धोनी पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापत्तनम में वनडे खेलने उतरे। इस बार माही ने पहले वाली गलती नहीं दोहराई। इस मैच में सचिन और गांगुली जैसे धुरंधर फेल हो गए फिर तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए एमएस धोनी। तब धोनी ने 123 गेंदों में 148 रन बनाए, जिसमें 15 चौके और 4 छक्के लगाए। यह पहला मैच था जिसे धोनी ने अपने दम पर जिताया। इसके बाद तो मानों वे रुके ही नहीं।
भारत को दो बार जितवाया वर्ल्ड कप
37 साल के हो चुके धोनी ने 332 वनडे मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 50.11 की औसत से 10,173 रन बनाए। इसमें 10 शतक और 67 अर्धशतक शामिल हैं। माही ने टीम इंडिया की लंबे समय तक कप्तानी की। धोनी की कप्तानी में भारत ने साल 2007 में टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 में 50 ओवर का वर्ल्ड कप जीता था।
टेस्ट क्रिकेट से ले चुके हैं संन्यास
एमएस धोनी को सीमित ओवरों का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़री माना जाता है मगर टेस्ट क्रिकेट में वह ज्यादा नाम नहीं कमा पाए। धोनी ने भारत के लिए 90 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 38.09 की औसत से 4876 रन बनाए। इस दौरान धोनी के बल्ले से 6 शतक और 33 अर्धशतक निकले। यही नहीं साल 2014 में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
आज ही के दिन धोनी ने खेली थी वो पारी, जिसके बाद कोई उन्हें टीम से नहीं निकाल पाया
जानिए धोनी को आखिरी शतक और अर्धशतक लगाए कितना समय हो गया
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