माघ मेले में बन रहा है बड़ा व छोटा 32 बंगला, गीता प्रेस के शिविर में हाईटेक व्यवस्था

एक लाख की लागत से बड़ा बंगला और पचास हजार के खर्चे में बन रहा छोटा-छोटा बंगला

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ALLAHABAD: संगम की रेती पर दो दिन के बाद जप-तप व अनुष्ठान का सिलसिला शुरू हो जाएगा लेकिन एक शिविर ऐसा तैयार किया जा रहा है जहां पर एक या दो लाख नहीं बल्कि पूरा 27 लाख रुपया खर्च करके बंगला बनवाया जा रहा है। गीता प्रेस गोरखपुर के शिविर में पिछले पंद्रह दिनों से बड़ा व छोटा कुल 32 बंगला बनाने का काम दिन रात चल रहा है। जो दो जनवरी को अपनी भव्यता के साथ अलौकिक आकर्षण के साथ दिखाई देगा। खास बात है कि सभी बंगलों में टाइल्स, साखू की लकड़ी का तख्ता, अटैच बाथरूम व गीजर की सुविधा उपलब्ध रहेगी।

15 कारीगर, 10 दिन से कर रहे काम

खाक चौक के संगम लोअर मार्ग पर स्थित गीता प्रेस के शिविर में बंगला और झोपड़ी का निर्माण कार्य पिछले दस दिनों से चल रहा है। कांसा व पुआल के मिश्रण से बन रहे बंगले का काम रीवां व इलाहाबाद के एक दर्जन से अधिक कारीगर कर रहे हैं। सभी बंगला और झोपड़ी बनाने का काम दो जनवरी तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। बड़े बंगले में एक माह तक रहने के लिए गीता प्रेस के अध्यक्ष राधेश्याम खेमका अपने परिजनों के साथ पहले स्नान पर्व पौष पूर्णिमा को आ जाएंगे।

बंगले की खासियत

12 बड़ा बंगला: एक लाख रुपए की लागत, 14 फीट चौड़ा और 24 फीट लम्बा। पिछली बार तीन बंगला बनाया गया था।

30 छोटा बंगला : एक बंगले की कीमत पचास हजार रुपए है। दस फीट चौड़ा व बीस फीट लम्बा बंगला बनाया जा रहा है। जिसमें अटैच बाथरूम की सुविधा के अलावा टाइल्स लगाई जा रही है।

छोटे बंगले में कांसा, सिरकी और ईटों का इस्तेमाल किया जा रहा है। बंगला बनाने के लिए पचास क्विंटल कांसा मंगाया गया है। वहीं कन्नौज व इलाहाबाद से दस क्विंटल सिरकी लाई गई है।

गीजन के साथ अटैच बाथरूम

छोटा बंगला कांसा और सिरकी के मिश्रण से बनाया जा रहा है। जितने बड़े बंगले बनाए जा रहे है उसमें साखू की लकड़ी से बना तख्ता रखा जाएगा। ईट पर पुआल डालकर उसे जूट के जट से सिला जा रहा है। बंगले के साथ अटैच बाथरूम व गीजर की सुविधा उपलब्ध रहेगी। इतना ही नहीं सभी बंगले में टाइल्स लगाई जा रही है।

प्राचीन समय के ऋषियों की कुटिया को ध्यान में रखकर उसे आधुनिक तरीके से बनाया जा रहा है। इस बार कुल 32 बंगला बनाया जा रहा है। सभी बंगले दो जनवरी तक तैयार हो जाएंगे। बंगलों में गीता प्रेस के मालिक सहित बनारस से संत-महात्मा जप-तप व अनुष्ठान के लिए एक माह तक रहेंगे।

उमा शंकर पांडेय,

मैनेजर गीता प्रेस