-पौधरोपण के लिए तमाम विभागों के पास शहर में नहीं है जगह

-पर्यावरण बचाने के लिए अब तक का सबसे बड़ा पौधरोपण कार्यक्रम

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VARANASI

पर्यावरण को बचाने के लिए वन विभाग अब तक का सबसे बड़ा पौधरोपण करने जा रहा है. योजना के तहत 35 लाख की आबादी वाले वाराणसी में 27 लाख पौधे लगाए जाएंगे. यह अभियान एक जुलाई से शुरू होगा और 26 विभागों को टारगेट पूरा करने की जिम्मेदारी दी जाएगी. पर ये बड़ा अभियान भी शहर को हरा-भरा नहीं कर पायेगा. क्योंकि शहर में पौधरोपण के लिए जगह ही नहीं है. इसीलिए टारगेट को पूरा करने के लिए गांवों का रुख किया गया है.

शहर में नहीं है जगह

कंक्रीट के जंगल में तब्दील शहर को हरा-भरा करने में जगह की सबसे बड़ी कमी है. कोई ऐसा एरिया नहीं है जहां पौधरोपण किया जा सके. हर तरफ सिर्फ बिल्डिंग और रोड है. वहीं तंग गलियों में पौधे लगाना संभव नहीं है. हालांकि कुछ पार्को में पौधरोपण किया जा सकता है. पर उसका बहुत हद तक लाभ शहर को नहीं मिल पायेगा.

दो साल से चल रही तैयारी

वाराणसी में एक जुलाई से दो महीने तक चलाए जाने वाले 27 लाख पौधरोपण अभियान को लेकर पिछले दो साल से तैयारी चल रही है. खास बात यह है कि पहले किसानों से जानकारियां जुटाकर उनकी जरूरतों के हिसाब से पौधों को 18 विभागीय और 37 रजिस्टर्ड नर्सरियों में उगाया गया. फिलहाल सबसे बड़ा पौधरोपण कार्यक्रम 'मिशन 27 लाख' को लेकर विभाग पूरी तरह से तैयार है.

टारगेट के लिए माइक्रो प्लान तैयार

डीएफओ एनपी शाक्य ने बताया कि वाराणसी में 2756453 पौधे लगाने का लक्ष्य है, जिसे पूरा करने के लिए माइक्रो प्लान बनाया गया है. विभागों के पास जगह नहीं है, इसलिए जनपद की 760 ग्राम सभाओं में यह पौधे लगाये जाने की योजना है. माइक्रो प्लान के तहत कृषि भवन में करीब 1 लाख 86 हजार पंजीकृत किसानों को 10-10 पौधे दिए जाएंगे, जो अपने घर या खेत में पौधरोपण करेंगे. इस कार्य में ग्राम प्रधानों और वहां की समितियों की मदद ली जाएगी.

तीन साल होगी पौधों की मॉनिटरिंग

डीएफओ ने बताया कि विभाग के पास जनपद से जो डिमांड आई है उसमें 63 फीसदी पौधे यूकेलिप्टिस, शागौन और शीशम के हैं. उनकी डिमांड आने के बाद ही पौधों को उगाया गया. रोपित पौधों की तीन साल तक मॉनिटरिंग की जाएगी, इसके लिए बाकायदा टीमें बनायी जाएंगी. पहले चरण में 1 जुलाई से 31 अगस्त तक पूरे जनपद में 90 फीसदी पौधरोपण हो जाएगा. उसके बाद जो दस फीसदी पौधे होंगे उनको विंटर सीजन या मानसून के बाद लगाया जाएगा. जिले में विभाग की 18 और पंजीकृत 37 नर्सरी हैं, जहां तकरीबन 83 प्रजातियों के पौधे हैं. इन नर्सरियों में खैर, सहजन, अर्जुन, आंवला, जामुन, पीपल, गूलर, पाकड़ और चिलबिल समेत पौधे हैं.

वर्जन..

शहर के बढ़ते प्रदूषण को कम करना सभी की जिम्मेदारी है. पौधरोपण से ही पर्यावरण को बचाया जा सकता है. काशी को हरा-भरा करने के लिए शहर के हर व्यक्ति को अपने घर के आसपास एक पौधे लगाने चाहिए.

-सुरेंद्र सिंह, डीएम

1 जुलाई से शुरू होगा पौधरोपण अभियान

27 लाख पौधे जनपद में लगाने का लक्ष्य

1.86 लाख रजिस्टर्ड किसानों को देंगे दस-दस पौधे

760 ग्राम सभा में लगाए जाएंगे पौधे

18 नर्सरी विभाग के पास हैं

37 नर्सरी विभाग में हैं पंजीकृत

26 विभागों को सौंपी जाएगी जिम्मेदारी