-पहले एग्जाम के लिए बनाए गए थे 144 सेंटर, आपत्तियों के बाद बढ़ाई गई संख्या

-80 ग‌र्ल्स से कम संख्या होने पर नहीं बनेगा सेंटर, ग‌र्ल्स के लिए 5 किमी और ब्वाएज के लिए 8 किमी तय हुई दूरी

-पिछली बार 262 कॉलेज के लिए बने थे 265 एग्जामिनेशन सेंटर, इस बार 295 कॉलेज के लिए 270 सेंटर्स किए गए हैं फाइनल

GORAKHPUR: डीडीयू गोरखपुर यूनिवर्सिटी में अब 270 सेंटर्स पर एग्जाम होगा। नई व्यवस्था के तहत एग्जाम ऑर्गनाइज कराने के लिए यूनिवर्सिटी सेंटर्स की लिस्ट फाइनल कर ली है। सबकुछ ठीक रहा तो कुछ दिन में लिस्ट यूनिवर्सिटी की वेबसाइट पर अपलोड कर दी जाएगी। इसमें यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों ने पिछली संख्या को बढ़ाते हुए 144 की जगह 270 सेंटर करने का फैसला किया है। वहीं, ग‌र्ल्स और दिव्यांगों का सेल्फ सेंटर ही रहेगा। अगर किन्हीं कारणों से उस कॉलेज को केंद्र नहीं बनाया जाता है तो पांच किमी एरिया में पड़ने वाले किसी सेंटर पर उन्हें एग्जाम देने के लिए जाना पड़ेगा।

25 सेंटर्स पर पड़ेगा असर

यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों की मानें तो इस बार 25 कॉलेजेज को सेंटर नहीं बनाया जा रहा है। इसमें पांच कॉलेज वह हैं, जो नकल के आरोप में डिबार किए जा चुके हैं। वहीं, 20 सेंटर्स ऐसे हैं, जहां ग‌र्ल्स की तादाद 80 से कम है। वहीं, बाकी सेंटर्स पर ग‌र्ल्स एग्जाम देंगी। जबकि, ब्वाएज के लिए सेंटर्स तय किए जा चुके हैं और उन्हें आठ किमी की जद में पड़ने वाले सेंटर पर परीक्षा देने के लिए जाना पड़ेगा। यूनिवर्सिटी सोर्सेज की मानें तो मार्च के पहले हफ्ते से ही यूनिवर्सिटी के एनुअल एग्जाम शुरू हो जाएंगे। इसके लिए यूनिवर्सिटी ने तैयारियां तेज कर दी हैं।

30 किलोमीटर दूर बना दिया था सेंटर

गोरखपुर यूनिवर्सिटी और एफिलिएटेड कॉलेज में नकल पर लगाम कसने के लिए यूनिवर्सिटी ने सेल्फ सेंटर हटाकर दूसरे कॉलेजेज का सेंटर बनाया। इसके लिए कमेटी बनाई गई, जिसने एग्जामिनेशन सेंटर्स का मानक 15 किमी तय किया। मगर यूनिवर्सिटी की ओर से फाइनल की गई लिस्ट में 30 किमी से ज्यादा दूरी पर सेंटर बना दिए गए थे। इससे कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन की हवाइयां उड़ गई हैं और वह आपत्ति दर्ज कराने के लिए यूनिवर्सिटी पहुंचने लगे थे। 17 जनवरी तक आपत्तियां लेने की लास्ट डेट थी, जिसके बाद यहां अप्लीकेशन की भरमार लग गई। यूनिवर्सिटी बिना कुछ जाने-समझे सेंटर बना दिए। इससे स्टूडेंट्स को ऊबड़ खाबड़ रास्तों से होकर दूर-दूर एग्जाम देने के लिए जाना पड़ेगा। बनाए गए सेंटर्स में कुछ ऐसे कॉलेजेज भी हैं, जहां बाढ़ की वजह से रोड खराब हो गई है, ऐसे में उन सेंटर्स पर स्टूडेंट्स का जाना काफी मुश्किल होगा। जिम्मेदारों ने काफी मंथन के बाद एग्जामिनेशन सेंटर्स बढ़ाने की संस्तुति की है।

295 कॉलेज पर बने थे सिर्फ 44 सेंटर्स

गोरखपुर यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों ने गलती करते हुए 295 कॉलेजेज के लिए महज 144 कॉलेजेज को ही सेंटर बनाया। जिम्मेदारों ने संख्या काफी कम मानते हुए इसे बढ़ाने के लिए आपत्ति जताते हुए कहा था कि जिस दिन राष्ट्रगौरव की परीक्षा होगी, उस दिन परीक्षार्थियों की संख्या वैसे ही ज्यादा हो जाएगी। ऐसी कंडीशन में यूनिवर्सिटी के जिम्मेदार इन स्टूडेंट्स को कहा एडजस्ट करेंगे। क्योंकि इसमें फ‌र्स्ट ईयर के सारे स्टूडेंट्स तो शामिल होते ही हैं, वहीं सेकेंड और थर्ड ईयर के न क्वालिफाई कर पाने वाले स्टूडेंट्स भी इसमें शामिल होते हैं, ऐसे में प्रॉब्लम बढ़ सकती है.

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डिप्टी सीएम ने दिए थे निर्देश

नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए सेल्फ सेंटर की व्यवस्था खत्म करने को लेकर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने निर्देश दिए थे। गोरखपुर पहुंचे शिक्षा मंत्री ने वीसी से बातचीत के दौरान यह निर्देशित किया था कि सेल्फ सेंटर की व्यवस्था खत्म कर दी जाए। मंत्री के निर्देश पर वीसी प्रो। वीके सिंह ने आनन-फानन में सेंटर खत्म करने के लिए कमेटी बना दी, जिसने काफी मंथन के बाद 295 कॉलेजेज के लिए 144 सेंटर्स बनाए जाने को लेकर अपनी लिस्ट यूनिवर्सिटी के जिम्मेदारों को सौंप दी।

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डॉ। प्रदीप राव का इस्तीफा, दो नए मेंबर

स्व केंद्र प्रणाली खत्म करने के लिए यूनिवर्सिटी में बनाई कमेटी में एमपीपीजी कॉलेज जंगल धूसड़ के प्रिंसिपल डॉ। प्रदीप राव भी मेंबर थे। उन्होंने व्यस्तता और मीटिंग्स में न पहुंच पाने की वजह से कमेटी की मेंबरशिप से इस्तीफा दे दिया। उनकी जगह कमेटी में दो नए मेंबर्स को जोड़ा किया है। इसमें प्रो। चितरंजन मिश्रा और डीएसडब्लू प्रो। रविशंकर सिंह का नाम शामिल है।