RANCHI (25 रूड्ड4): रांची यूनिवर्सिटी में एक तरफ कई वोकेशनल कोर्सेज के वजूद पर खतरा मंडरा रहा है, तो दूसरी ओर कई नए जॉब ओरिएंटेड कोर्स शुरू करने का भी प्रपोजल है। इसके तहत पीजी जूलॉजी डिपार्टमेंट में फिशरीज साइंस, मैथ्स डिपार्टमेंट में पीजी डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी और बांग्ला डिपार्टमेंट में पीजी डिप्लोमा इन आर्ट एंड क्राफ्ट कोर्स लांच करने की तैयारी चल रही है।

नहीं मिलते हैं स्टूडेंट्स

रांची यूनिवर्सिटी में चल रहे वोकेशनल कोर्सेज की क्या सिचुएशन है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्यूनिकेशन, पीजी डिप्लोमा इन जिमोलॉजी और पीजी डिप्लोमा इन मेडिशिनल प्लांट्स जैसे वोकेशनल कोर्सेज को स्टूडेंट्स नहीं मिल रहे हैं। पिछले दो सालों से इन तीनों कोर्सेज में एक भी एडमिशन नहीं हुए हैं। इसके अलावे ऐसे और भी कोर्सेज हैं, जो दो-चार स्टूडेंट्स के भरोसे चल रहा है। दरअसल ये वोकेशनल कोर्सेज जब शुरू किए जाते हैं तो पहले बैच में स्टूडेंट्स तो एडमिशन लेते हैं, लेकिन धीरे-धीरे इन कोर्सेज में एडमिशन लेनेवाले स्टूडेंट्स की संख्या कम होती जाती है। इसकी वजह कोर्सेज के लिए बेसिक फैसिलिटीज और इंफ्रास्ट्र्क्चर का अभाव होना बड़ी वजह है।

नहीं मिलती है जानकारी

वोकेशनल कोर्सेज को अगर स्टूडेंट्स नहीं मिल रहे हैं तो इसकी एक वजह स्टूडेंट्स को इन कोर्सेज की जानकारी नहीं होना है। कब इन कोर्सेज के लिए एडमिशन प्रॉसेस शुरू होता है। कोर्सेज के लिए क्या क्वालिफिकेशन है। कोर्सेज की कितनी फी है और कई साल का कोर्स है, यह स्टूडेंट्स नहीं जान पाते हैं। कोर्सेज के प्रचार-प्रसार को लेकर यूनिवर्सिटी एडमिनिस्ट्रेशन भी इनिशिएटिव नहीं लेती है, जिसका नतीजा है कि इन कोर्सेज में एडमिशन लेनेवाले स्टूडेंट्स की संख्या कम होती है। गौरतलब है कि आरयू में सभी वोकेशनल कोर्सेज सेल्फ फाइनांस स्कीम के तहत चलते हैं।