RANCHI : राजधानी के दो बड़े रेलवे स्टेशनों में रांची और हटिया की गिनती होती है। चूंकि दोनों ही स्टेशनों से देश के बड़े शहरों के लिए ट्रेनें चलती हैं। इसलिए यहां काफी संख्या में पैसेंजर्स का भी आवागमन होता है। लेकिन हटिया स्टेशन पर पैसेंजर्स की सुरक्षा को लेकर पर्याप्त इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं। ओपन एरिया होने के बावजूद यहां आज तक सीसीटीवी कैमरे इंस्टाल नहीं किए जा सके हैं। इस वजह से स्टेशन पर आए दिन चोरी की घटनाएं हो रही हैं। इसकी कंप्लेन भी की जाती है लेकिन कैमरे नहीं होने के कारण चोरों की पहचान नहीं हो पाती। इस कारण स्टेशन पर चोरों का आतंक जारी है।

हजारों पैसेंजर्स का है आना-जाना

जी हां, हटिया स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे ही है। यहां से हजारों पैसेंजर्स के साथ ही वीआईपी का भी आना-जाना होता है। ऐसे में पैसेंजर्स को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए निर्भया फंड से सीसीटीवी कैमरे इंस्टाल किए जाने थे। तीन साल पहले इस पर काम भी शुरू हो चुका था। लेकिन बाद में वह ठंडे बस्ते में चला गया। इसके बाद रेलवे के अधिकारियों ने भी इसकी सुध नहीं ली। बताते चलें कि 2017 में स्टेशन पर कुछ लोगों के पास से आ‌र्म्स भी बरामद किए गए थे।

यार्ड की सुरक्षा भी भगवान भरोसे

हटिया स्टेशन से हर दिन दर्जनों ट्रेनें खुलती हैं। इसके अलावा यहां यार्ड, लाउंड्री, ट्रेन वाशिंग स्टेशन भी है। जहां सिक्योरिटी के लिहाज से कैमरे जरूरी हैं। वहीं यार्ड में खड़ी ट्रेनों में भी असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है। इसके बाद भी स्टेशन प्रशासन ढुलमुल रवैया अपनाये हुए है।

नहीं लगी एक्सरे मशीन

हटिया स्टेशन पर लगेज एक्सरे मशीन भी नहीं है। ऐसे में यह पता लगाना मुश्किल होता है कि कौन पैसेंजर साथ क्या लेकर जा रहा है। इसकी भनक आरपीएफ को भी नहीं लग पाती है। कई बार तो आरपीएफ ने शक के आधार पर पैसेंजर्स को पकड़कर पूछताछ की तो अवैध शराब बरामद हुई। अगर एक्स-रे मशीन की सुविधा होती तो पैसेंजर्स के साथ ही रेलवे को भी राहत मिलती।

वर्जन

एक-दो कैमरे बुकिंग काउंटर के पास लगाए गए हैं। पूरे स्टेशन पर लगाने की योजना थी। फिलहाल स्टेशन परं वाई-फाई लगाने का काम चल रहा है। इस मामले में देखना होगा कि किस कारण से काम अटका हुआ है। जल्द ही इस काम में तेजी लाई जाएगी।

नीरज कुमार, सीनियर डीओएम-सीपीआरओ, रांची डिवीजन