6 लाख रुपये खर्च किए गए थे एक वाटर एटीएम पर

36 लाख रुपये खर्च किए गए थे छह वाटर एटीएम पर

Meerut। पिछले साल दिवाली पर कैंट बोर्ड ने लोगों की प्यास बुझाने के लिए छह वॉटर एटीएम लगाए थे। जिनसे लोगों को एक रुपये प्रति लीटर पानी मिलता था, लेकिन देखरेख और रखरखाव न होने से एक साल में ही वॉटर एटीएम महज शोपीस बनकर रह गए। जिससे कैंट बोर्ड का लाखों रुपये का प्रोजेक्ट बेमानी साबित हो रहा है। दरअसल, कैंट बोर्ड ने प्रति वाटर एटीएम के तहत छह लाख रुपये खर्च किए थे। कुल छह वाटर एटीएम पर कैंट बोर्ड ने 36 लाख रुपये खर्च किए थे। इस बाबत कैंट बोर्ड के सीईई अनुज सिंह ने बताया कि कैंट बोर्ड के अभियान में वाटर एटीएम को भी ठीक कराया जाएगा। जल्द ही लोगो को यह सुविधा दोबारा से मिलनी शुरु हो जाएगी।

गर्मी में बने बेमानी

भीषण गर्मी में वाटर एटीएम ही प्यासे हैं। हालत यह है रखरखाव न होने से गर्मी के दिनों में कैंट स्थित वाटर एटीएम ठप हो गए। वाटर एटीएम सिर्फ दो माह ही सही ढंग से संचालित हो सके। वाटर एटीएम सबसे ज्यादा रिक्शे चालक, मजदूर आदि के लिए उपयोगी साबित होता था।

एक रुपये प्रति लीटर पानी

कैंट बोर्ड ने वाटर एटीएम के जरिए लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना बनाई थी। इसमें एक रुपये लीटर प्रति लीटर ठंडा पानी दे की व्यवस्था थी, लेकिन अब ये एटीएम बेमानी साबित हो गए हैं।

गर्मी के दिनों में इन वाटर एटीएम का सार्थक उपयोग होता, लेकिन रखरखाव न होने से गर्मी से पहले ही ये एटीएम खराब हो गए।

ओम प्रकाश

कैंट बोर्ड ने बहुत ही अच्छी शुरुआत की थी, परंतु ये ज्यादा समय तक नहीं चल सके। यदि कैंट बोर्ड दोबारा से इसको ठीक कराकर चालू करे तो यह बहुत ही अच्छा हो जाएगा।

सुरेश

इन वाटर एटीएम का फायदा सबसे ज्यादा रिक्शा चालक, राहगीरों को हो रहा था। जब से ये खराब हुए हैं लोग अब इधर-उधर भटकते रहते है।

गौतम