हाईकोर्ट के जस्टिस ने न्यायिक प्रक्रिया में सुधार पर दिए व्याख्यान

Meerut। 'यहां नहींअदालत में निपट लूंगा.' देशवासियों के इस भरोसे को न्यायपालिका को कायम रखना होगा। आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति का भरोसा न्यायपालिका पर होता है, जिसे कहीं से मदद नहीं मिलती उसे कोर्ट से मदद की उम्मीद होती है। हमें उनकी उम्मीद को नहीं टूटने देना है। शनिवार को मेरठ पहुंचे इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने मेरठ बार एसोसिएशन के मंच से सभागार में मौजूद न्यायिक अधिकारियों और अधिवक्ताओं को समाज के प्रति उनके कर्तव्यों और दायित्वों का बोध कराया।

बेंच और बार का रिलेशन नायाब

नानक चंद्र सभागार में आयोजित मेरठ बार एसोसिएशन के कार्यक्रम में पहुंचे हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने कहा कि बेंच और बार का संबंध न्यायिक प्रक्रिया को सरल बनाने और त्वरित न्याय दिलाने के लिए होना चाहिए। करीब 30 मिनट की क्लास में चीफ जस्टिस ने बताया कि अधिवक्ता हो या न्यायिक अधिकारी, आप निष्ठा और निर्भीकता से अपना काम करिए, सफलता और सार्थकता खुद-ब-खुद मिलेगी। इससे पूर्व हॉल में चीफ जस्टिस ने पूर्व डीजीसी (फौजदारी) चौधरी कृपाल सिंह के तैल चित्र का अनावरण किया। 1883 में गठित मेरठ बार की तारीफ में उन्होंने कहा कि विश्व के कुछ ही ऐसे बार होंगे, जिनकी उम्र 100 साल से ऊपर हो।

राष्ट्रपति नहीं दे सकता मृत्युदंड

संबोधन में चीफ जस्टिस ने कहा कि न्यायपालिका एक बहुत मजबूत संस्था है। 'देश का राष्ट्रपति किसी को जीवनदान तो दे सकता है। किंतु मृत्युदंड नहीं दे सकता। मृत्युदंड आप दे सकते हैं.' इसलिए आपको (बेंच और बार) इसकी मजबूती और समृद्धि को बनाए रखना होगा, यह आपका दायित्व है। इससे पूर्व इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज सिद्धार्थ ने कहा कि समाज की हमसे अपेक्षाएं हैं। यदि हम मेहनत नहीं करेंगे, आम आदमी के बारे में नहीं सोचेंगे तो लोगों का न्याय व्यवस्था से भरोसा उठ जाएगा।

हाईकोर्ट बेंच का उठा मुद्दा

आयोजन के अंत में मेरठ बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मांगेराम शर्मा ने मंच पर मौजूद चीफ जस्टिस के समक्ष वेस्ट यूपी में हाईकोर्ट की बेंच की मांग को दोहराते हुए कहा कि गत 40 वर्षों से हम संघर्ष कर रहे हैं। मेरठ समेत वेस्ट यूपी के 22 बार एसोसिएशन इस संघर्ष में शामिल हैं। कभी किसी राजनेता, किसी दल ने इनकार नहीं किया, किंतु फिर भी मेरठ को बेंच नहीं मिली। उन्होंने चीफ जस्टिस से अपील की कि वे वेस्ट यूपी में बेंच की स्थापना के लिए पिटीशन डाल रहे हैं, जिसमें उनके समर्थन की आवश्यकता है। अध्यक्ष ने कमर्शियल कोर्ट, मोटर एक्सीडेंट क्लेम कोर्ट के लिए स्थान की मांग करने के साथ ही कचहरी परिसर में सुरक्षा और पार्किंग की भी मांग की। इसके अलावा उन्होंने एंटीसिपेटरी बेल पर एक वर्कशॉप कराने की मांग उन्होंने चीफ जस्टिस से की।

न्याय पथ का किया लोकार्पण

चीफ जस्टिस ने कचहरी परिसर के मुख्य मार्ग का नामकरण करते हुए इसे न्याय पथ का नाम दिया और लोकार्पण किया। इसके साथ ही परिसर में स्थित नवनिर्मित मल्टीस्टोरी बिल्डिंग का भी लोकार्पण किया। इस बिल्डिंग में 14 कोर्ट शिफ्ट की जाएंगी।