नंबरगेम

- 112 सेंटर पर हुई बोर्ड परीक्षा

- 98 हजार स्टूडेंट्स ने दी परीक्षा

- 48 सौ स्टूडेंट्स ने छोड़ी परीक्षा

- 32 अति संवेदनशील सेंटर पर तैनात रही पुलिस

- डिप्टी सीएम ने लिया कई परीक्षा केंद्रों का जायजा

- राजधानी के 112 परीक्षा केंद्रों पर एक लाख एक हजार 276 छात्र हुए शामिल

LUCKNOW : यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट 2020 के एग्जाम मंगलवार से शुरू हो गए हैं। पहले दिन हाईस्कूल और इंटर के हिंदी विषय के पेपर हुए। सभी केंद्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा संपन्न हुई। राजधानी के 112 केंद्रों पर परीक्षा हो रही है। परीक्षा में एक लाख एक हजार 276 स्टूडेंट्स को शामिल होना था, जिसमें से दोनों पॉलियों को मिलाकर 4873 स्टूडेंट्स ने परीक्षा छोड़ दी है।

राजकीय जुबली पहुंचे डिप्टी सीएम, जानी हकीकत

यूपी बोर्ड परीक्षा के पहले दिन मंगलवार को डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा ने राजकीय जुबली इंटर कॉलेज का दौरा किया। डिप्टी सीएम ने कई केंद्र का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने परीक्षा दे रहे छात्रों का हाल चाल भी जाना। उन्होंने परीक्षा केंद्र पर बने कंट्रोल रूम को भी बारीकी से देखा। वहां मौजूद अधिकारियों से कक्ष की निगरानी को लेकर सवाल भी किए। इस दौरान राज्यमंत्री गुलाब देवी, प्रमुख सचिव आराधना शुक्ला, जेडी सुरेंद्र तिवारी व जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ। मुकेश कुमार सिंह समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

प्रेरित करने की वजह देरी से पहुंचे परीक्षा कक्ष में

जुबली इंटर कॉलेज में परीक्षा के पहले दिन बच्चों को प्रेरित करने के लिए एक प्रोग्राम रखा गया था। प्रोग्राम में चीफ गेस्ट के रूप में डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा को शामिल होना था, लेकिन वह सुबह 7:55 तक नहीं पहुंचे। ऐसे में प्रमुख सचिव अनुराधा शुक्ला ने एग्जाम में देरी होते देख बच्चों को हम तैयार हैं का बैच लगा कर परीक्षा कक्ष के लिए रवाना किया। इसके कुछ देर बाद ही डिप्टी सीएम प्रोग्राम में शामिल होने पहुंचे।

डीआईओएस को भी किया बाहर

डिप्टी सीएम ने जुबली इंटर कॉलेज के तीन परीक्षा कक्षों का निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय किसी भी बाहरी आदमी का कक्ष में प्रवेश वर्जित था। इसके चलते उन्होंने स्कूल के कर्मचारियों के साथ डीआईओएस डॉ। मुकेश कुमार सिंह को भी बाहर कर दिया।

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जीजीआईसी श्रृंगार कॉलेज में हंगामा

श्रृंगारनगर स्थित जीजीआईसी में परीक्षा देने आए स्टूडेंट्स संग पैरेंट्स ने जमकर हंगामा किया। कॉलेज प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन कई वर्ष पहले का होने के कारण बच्चों को एग्जाम में प्रवेश देने से इंकार कर दिया। इससे नाराज पैरेंट्स ने परीक्षा केंद्र पर जमकर हंगामा कर दिया। पैरेंट्स ने बताया कि हमारे बच्चों का रजिस्ट्रेशन 2016-17 का था। इस वजह से बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा था, लेकिन काफी जद्दोजहद के बाद कॉलेज प्रशासन ने प्रवेश दिया।

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हिंदी के पेपर में लगाई हिंदी के शिक्षक की ड्यूटी

गिरधारी सिंह इंटर कॉलेज में हाईस्कूल के पेपर में हिंदी टीचर की कक्ष निरीक्षक के रूप में ड्यूटी लगा दी गई। वहीं गुरुनानक ग‌र्ल्स इंटर कॉलेज में सुबह की पॉली में दो टीचर की ड्यूटी लगाई गई थी, लेकिन वे समय पर नहीं आईं, जिसकी वजह से दूसरी टीचर की ड्यूटी लगाई गई। वहीं देरी से आने पर दोनों टीचर को फटकार लगाई गई।

सैनिक स्कूल में पर्यवेक्षक पहुंचे देरी से

सैनिक स्कूल में भी पर्यवेक्षक परीक्षा केंद्र पर देरी से पहुंचे। स्कूल प्रशासन ने इसकी सूचना कंट्रोल रूम को देकर बिना पर्यवेक्षक के ही परीक्षा शुरू करा दी। परीक्षा शुरू होने के 45 मिनट बाद 8:44 पर पर्यवेक्षक परीक्षा केंद्र पर पहुंचे।

कोर्ट में फंसे रहे डीआईओएस

सचल दस्ते में डीआईओएस के नेतृत्व में एक टीम को परीक्षा केंद्रों की जांच के लिए निकलना था, लेकिन वह मौजूद नहीं रहे। सूत्रों के मुताबिक डीईओएस जुबली इंटर कॉलेज में प्रोग्राम के बाद कोर्ट में किसी केस के लिए चले गए, जहां से वे देर शाम तक भी परीक्षा में शामिल नही हो पाए।

एसटीएफ ने की निगरानी

राजधानी के 12 संवेदनशील और 32 अति संवेदनशील केंद्रों पर पुलिस के साथ एसटीएफ की नजर रही। यहां पर परीक्षा कक्ष में दो कक्ष निरीक्षकों की तैनाती रही। प्रत्येक कक्ष में दो सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है। एक आगे और दूसरा पीछे जो हाई स्पीड इंटरनेट से जुड़े हैं। इसके साथ ही राउटर और वायस रिकार्डर लगाए गए हैं। सीसीटीवी कैमरे से जिला और राज्य दोनों कंट्रोल रूम से सीधे निगरानी की जा रही है।