क्राइस्टचर्च (एपी)। न्यूजीलैंड की मस्जिद में लोग शुक्रवार की प्रार्थना के लिए भारी संख्या में जुटे थे, तभी कुछ अज्ञात बदमाशों ने अंधाधुंध गोलीबारी शुरू कर दी। इस हमले में 49 लोगों की मौत हो गई है। अधिकारियों ने चार लोगों को हिरासत में लिया है और कई जगहों पर विस्फोटक उपकरणों को डिफ्यूज किया है, जो बड़े हमले को अंजाम देने के लिए लगाए गए थे। प्रधानमंत्री जैकिंडा अर्डर्न ने कहा, 'यह न्यूजीलैंड के लिए सबसे काला दिन है, यह बहुत ही खतरनाक हमला था, मृतकों में से कई प्रवासी और शरणार्थी हो सकते हैं।' इसके अलावा उन्होंने बताया कि इस हमले के बाद 20 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हैं।
ऑस्ट्रेलियाई मूल का है आरोपी
अर्डर्न ने कहा, 'यह साफ हो गया है कि इस तरह की घटना को आतंकी हमला ही कहा जा सकता है।' पुलिस ने इस गोलीबारी के बाद तीन पुरुषों और एक महिला को हिरासत में ले लिया है। फिलहाल, अधिकारियों ने खुलकर यह नहीं बताया कि उन्होंने किसे हिरासत में लिया है लेकिन इस हमले की जिम्मेदारी लेने वाले एक शख्स ने 74 पन्नों का एंटी-इमिग्रेंट मेनिफेस्टो छोड़ा है, जिसमें उसने समझाया है कि वह कौन है और ऐसा क्यों किया है। अपने मेनिफेस्टो में उसने बताया है कि वह एक 28 वर्षीय सफेद ऑस्ट्रेलियाई है। ऑस्ट्रेलियाई प्रधान मंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भी पुष्टि की कि गिरफ्तार किए गए चार लोगों में से एक ऑस्ट्रेलियाई मूल का नागरिक है।
चार संदिग्धों के अलावा और लोगों के बारे में नहीं है जानकारी
पुलिस अधिकारी माइक बुश ने कहा कि उन्हें हिरासत में लिए गए चार लोगों के अलावा अन्य संदिग्धों के बारे में पता नहीं है। बता दें कि यह सबसे खतरनाक हमला सेंट्रल क्राइस्टचर्च में अल नूर मस्जिद में स्थानीय समयानुसार दोपहर लगभग 1:45 बजे हुआ। तब सिर्फ 30 लोगों के मारे जाने की जानकारी मिली थी।
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