नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ मुख्यमंत्री रघुवर दास की बैठक

मौसम की सटीक जानकारी के लिए मांगा डॉप्लर रडार

केन्द्र ने दिया हर संभव मदद का भरोसा

नई दिल्ली: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने झारखण्ड में व्याप्त सुखाड़ से निपटने के लिए भारत सरकार से मनरेगा मद में 400 करोड़ रुपए की मांग की है। साथ ही मौसम की सटीक जानकारी के लिए राज्य में डॉप्लर रडार स्थापित करने की जरूरत भी बताई है। भारत सरकार की ओर से झारखण्ड को सूखे से निपटने के लिए हर संभव मदद करने का भरोसा दिया गया है। साथ ही कहा गया कि बजट आवंटन पूर्णत: पास हो चुका है। जल्द ही राशि उपलब्ध करा दी जाएगी। मुख्यमंत्री शनिवार को वरीय अधिकारियों की एक टीम के साथ पीएम मोदी की अध्यक्षता में नई दिल्ली में हुई उच्चस्तरीय बैठक में शामिल हुए।

राज्य के काम से पीएम संतुष्ट

पीएम मोदी ने राज्य सरकार द्वारा जल संरक्षण तथा संचयन के लिए उठाए गए कदमों के प्रति संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि जल संचयन को जन आंदोलन बनाया जाना चाहिए। साथ ही सिंचाई क्षमता में वृद्धि कर भविष्य में राज्य को सुखाड़ से बचाने का प्रयास करने का भी सुझाव दिया। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने दलहन और तिलहन के बीज का छैब् के माध्यम से आपूर्ति कराये जाने के संदर्भ में पर्याप्त मात्रा में छैब् के माध्यम से बीज आपूर्ति हेतु आश्वस्त किया।

सीएम ने गिनाई उपलब्धियां

मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि झारखंड राष्ट्रव्यापी जल संकट से अछूता नहीं है। दो वषरें में हुई कम बारिश से राज्य में गंभीर जल संकट उत्पन्न हुआ है। पिछले 15 वषरें में झारखण्ड राज्य 10 वर्ष सुखाड़ग्रस्त रहा है। औसत से कम वर्षा, असमय वर्षा ने पेय जल संकट के साथ-साथ सिंचाई को भी प्रभावित किया है। पिछले वर्ष सितम्बर-अक्टूबर से योजना बनाओ अभियान के क्रम में ग्रामीणों से बात करने पर जल की गंभीर समस्या सामने आई। फलस्वरूप, राज्य सरकार ने 1 दिसंबर, 2015 को स्थिति की गंभीरता के आलोक में पूरे राज्य को सुखाड़ग्रस्त घोषित किया है। स्थिति से निपटने हेतु राज्य सरकार ने 4845.72 करोड़ रुपए जो कि कुल योजना बजट का 13.07 प्रतिशत है का कृषि बजट तैयार किया है। इससे विभिन्न क्षेत्रों को समेकित करते हुए प्राथमिक क्षेत्र की एक समग्र विकास योजना तैयार की गई है। इसके अतिरिक्त ''गांव का पानी गांव में एवं खेत का पानी खेत में'' को मूल मंत्र बनाते हुए एक कार्य योजना तैयार की गई है। इसके अंतर्गत जल संग्रहण, जल स्रोतों का निर्माण एवं नवीकरण सरकारी एवं निजी तालाबों का गहरीकरण आदि को सम्मिलित किया गया है। जरूरत के अनुसार मशीन का प्रयोग करते हुए चयनित योजनाओं को जून, 2016 से पूर्व पूर्ण करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि कृषि सिंचाई ग्रामीण विकास आदि विभागों के कायरें को समेकित कर राज्य में जलछाजन प्राधिकार भी बनाया जा रहा है।

मीटिंग में केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, पीएमओ में राज्यमंत्री जितेन्द्र सिंह सहित संबंधित विभागों के सचिव उपस्थित थे। झारखण्ड सरकार की ओर से मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, अपर मुख्य सचिव वित्त विभाग सह विकास आयुक्त अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, जलसंसाधन विभाग के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह, कृषि विभाग के प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी भी उपस्थित थे।