KANPUR: कानपुर में नौकरी पाए ब्म् डाककर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया है। इनकी बर्खास्तगी पर मुहर लग गई है। डाक कर्मियों को एक माह का वेतन देकर बर्खास्त कर दिया गया है। लखनऊ के ख्म् और कानपुर के ब्म् डाककर्मी हैं। प्रदेश में कुल 7ख् डाककर्मियों को इसलिए बर्खास्त किया गया है क्योंकि इनकी डिग्रियां फर्जी पाई गई थीं। अब अन्य जिलों के ऐसे ही कर्मचारियों पर कार्रवाई की तलवार लटकी है। दरअसल जांच के लिए टीमों के संबंधित विद्यालय पहुंचने पर मामले का खुलासा हुआ था। कानपुर के आसपास के जिलों में भी पिछले तीन साल में भर्ती मामले की जांच की जा रही है।

ख्0क्क् से ख्0क्ब् के बीच हुइर् थी भर्ती

डाक अधिकारियों के मुताबिक वर्ष ख्0क्क् से ख्0क्ब् के बीच ग्रामीण डाक सेवक के पदों पर राजधानी के अलग अलग डाकघरों में भर्ती की गई थी। अभ्यर्थियों ने दलालों से मिलीभगत करके फर्र्जी डिग्रियां बनवा ली और मेरिट के आधार पर नौकरी हासिल कर ली। यही नहीं उन अभ्यर्थियों को दरकिनार कर दिया गया जिनके प्रतिशत कुछ कम थे। यह फर्जी डिग्रीधारक पिछले ढाई तीन साल से नौकरी कर रहे थे। अफसरों को जब मामले की जानकारी हुई तो जांच कराई गई। जांच कराने के लिए डाक विभाग की एक टीम सभी अभ्यर्थियों के शैक्षिक प्रमाण पत्र लेकर दिल्ली गई और वहां स्थित विद्यालयों से शैक्षिक प्रमाण पत्र की पुष्टि करवाई तो फर्जी पाया गया। रिपोर्ट मिलते ही ऐसे सभी ब्म् डाक कर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया। सूत्रों की मानें तो पूरे प्रदेश में कई हजार ग्रामीण डाक सेवक नियमों को दरकिनार करके रखे गए हैं। ऐसे डाक कर्मियों के भी शैक्षिक प्रमाण पत्र जांचे जाएंगे। डाक विभाग निदेशक विवेक दक्ष ने बताया कि फर्जी डिग्रियों से नौकरी पाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जो भी बर्खास्तगी हुई है वह नियमानुसार हुई है। लखनऊ, कानपुर के अलावा अन्य जिलों में भी मामले अगर सामने आते हैं वहां जांच कराकर ऐसे लोगों को निकाला जाएगा।