- रंगराजन कमिटी ने पैमाना बढ़ाया, पर सवाल बरकरार कि कैसे होगा भूखे पेट गुजारा

- एक टाइम का खाना भी नहीं आता 47 रुपए में तो कैसे होगा पूरे दिन का खर्च

Meerut रंगराजन कमेटी की रिपोर्ट में शहरों में रोजाना ब्7 रुपए और गांवों में फ्ख् रुपए खर्च करने वालों को गरीब न माना जाए। मगर सोचने की बात है कि ब्7 रुपए में एक दिन का छोडि़ए, एक वक्त का खाना भी ठीक से नहीं खाया जा सकता। फिर केवल ब्7 रुपए में सारा दिन कैसे गुजारा करेगा। अगर एक लेबर का रोज खर्च देखें उसके भी ब्7 रुपए से ज्यादा खर्च हो जाते है। एक मध्यम परिवार में एक सदस्य का खर्च ब्7 रुपए से कहीं ज्यादा है। रंगराजन कमेटी की सिफारिश ने मुफ्त में सभी को अमीर बना दिया।

रिक्शे वाला भी अमीर

सिटी में अगर एक रिक्शा दौड़ाने वाले की भी बात करें तो वह भी अमीर की कैटगरी में है। दिनभर की दो से तीन चाय पर क्भ् रुपए तक का खर्च आता है। अगर वो ठेले पर खड़ा होकर भी खाना खाएगा तो एक वक्त के ब्0 रुपए देने होंगे। दो टाइम के 80 रुपए और चाय खर्च क्भ् रुपए। इसके अलावा छोटे-मोटे अन्य जरुरी खर्च मिलाकर एक रिक्शे वाला भी प्रतिदिन क्00 रुपए से ज्यादा खर्च करता है। इस हिसाब से रिक्शे वाला भी अमीर कहा जाएगा।

मध्यम परिवार भी परेशान

अगर एक मध्यम परिवार जिसमें पांच सदस्य है, उसका एक माह का रसोई खर्च लगभग आठ हजार रुपए बैठ जाता है। यानि फैमिली के लिए रोज का खाना खर्चा ख्म्म् रुपए बैठता है। एक सदस्य का खर्च भ्फ् रुपए खर्च होता है। ये सिर्फ खाने की बात है। कपड़ा, मकान, दवा, पढ़ाई अलग है।

खाना भी नहीं मिलेगा

अगर बात करें हम एक टाइम के खाने की तो एक ठेले पर भी एक टाइम का खाना ब्0-भ्0 रुपए में, एक ढाबे पर एक टाइम का खाना भ्0-80 रुपए तक और एक रेस्टोरेंट में भी एक टाइम का खाना क्80-ख्ख्0 रुपए थाली है। जिसमें अगर अलग से चपाती ली जाए तो पांच रुपए पर रोटी के लिए जाते है। तो ऐसे में तो एक ठेले पर खाना खाने वाला भी अमीर की कैटगरी में ही है।

क्या मिलता है थाली में

ठेला : दो रोटी, चावल और दाल या कढ़ी का रेट ब्0 रुपए

ढाबा : हाफ प्लेट दाल, चावल और दो रोटी और एक्स्ट्रा चपाती के पांच रुपए। थाली का रेट 80 रुपए

रेस्टोरेंट : हाफ प्लेट दाल, चावल, सूखी सब्जी, दो रोटी और अगर एक्स्ट्रा रोटी के 8 रुपए, थाली का रेट ख्ख्0 रुपए

पब्लिक से मजाक हो रहा है

हमारे परिवार में चार मेंबर है, एक महीने के सात हजार रुपए खर्च होता है। एक दिन का खर्च लगभग ख्फ्फ् रुपए होता है, एक दिन का पर मेंबर का खर्च भ्8 रुपए है। हमारी फैमिली में दो तो वो स्टूडेंट है जो केवल पढ़ाई ही करते है, तो ऐसे में तो बिना कमाए वह भी अमीर हो गए।

-सुधा अग्रवाल, सदर निवासी

फैमिली में पांच मेंबर हैं, महीने का खर्च आठ हजार रुपए तो बैठ ही जाता है। एक दिन का खर्च भी लगभग ख्म्म् रुपए आ ही जाता है। यह तो केवल जरुरी खर्च की बात हो रही है। इस हिसाब से तो पर मेम्बर भ्फ् रुपए खर्च होता है।

-रेखा, ब्रह्मपुरी निवासी

आखिर ब्7 रुपए में एक इंसान कैसे पूरे दिन का गुजारा कर सकता है। अगर केवल खाने -खाने की ही बात करें तो, इस खर्च में एक टाइम का खाना ही मुश्किल से आता है।

-रितु गोयल, ढालम पाड़ा

फैमिली का गुजारा करना आजकल बहुत ही मुश्किल हो रहा है। प्याज सातवें आसमान पर है, हर चीज महंगी है। अब रसोई में खाना पकाना तक महंगा पड़ता है, ऐसे में तो पूरे दिन का खर्च ख्भ्0-फ्00 रुपए बैठ जाता है। फैमिली में चार मेम्बर है।

-सतनाम कौर, सदर निवासी