- स्टूडेंट्स ने हाईस्कूल के पेपर में चुनी बेसिक लेवल की मैथ

- सीबीएसई बोर्ड इस बार हाईस्कूल में कराएगा दो तरह के मैथ के पेपर

- देशभर में अभी तक दसवीं के 18 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने हाईस्कूल का भरा फॉर्म

LUCKNOW :

मैथ को मुश्किल समझने वाले स्टूडेंट्स ने मैथ की बाधा को बोर्ड एग्जाम में आसानी से पार करने के लिए आसान रास्ता चुन लिया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन सीबीएसई ने हाईस्कूल में मैथ को दो भागों में बांटा था। इसमें एक मैथ बेसिक लेवल की है तो दूसरी थोड़ा टफ है। ऐसे में लाखों स्टूडेंट्स ने आसान मैथ को चुना है। बोर्ड के डाटा पर नजर डालें तो करीब 30 प्रतिशत स्टूडेंट्स ने हाईस्कूल में बेसिक मैथ को चुना है। इस बार 5.56 लाख से अधिक स्टूडेंट्स बेसिक मैथ का एग्जाम देंगे।

सीबीएसई ने इस साल से लागू की है नई व्यवस्था

बोर्ड ने छात्रों को मैथ में होने वाली परेशानी को देखते हुए नये सेशन से बोर्ड एग्जाम के पैटर्न में बदलाव कर दिया। स्टूडेंट्स हाईस्कूल में मैथ की पढ़ाई के बाद अपनी पसंद की स्ट्रीम और विषयों के साथ पढ़ाई को आगे बढ़ा सकेंगे। वहीं हाईस्कूल में मैथ के पेपर में फेल होने के डर को बोर्ड ने कम करते हुए इसके दो पेपर कराने का फैसला लिया था। फैसले के बाद स्टूडेंट्स को मैथ के पेपर को चुनने का मौका मिला।

यह है बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ

सीबीएसई ने सत्र 2019-20 से मैथ के दो पेपर कराने का फैसला लिया। छात्रों को मौका दिया कि वह मैथ की पढ़ाई अगर सिर्फ हाईस्कूल तक करना चाहते हैं तो वह इसके लिए आसान पेपर दे सकते हैं। बोर्ड ने बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ को लागू किया। ऐसे में जो छात्र आसान पेपर देना चाहते हैं, वह बेसिक मैथ को चुन सकेंगे। वहीं मैथ की भविष्य में पढ़ाई करने के उद्देश्य से स्टैंडर्ड मैथ के साथ हाईस्कूल का एग्जाम दे सकेंगे।

आंकड़ों में स्थिति

- 18 लाख से अधिक ने भरा हाईस्कूल एग्जाम का फॉर्म

- 13 लाख से अधिक ने चुना स्टैंडर्ड मैथमेटिक्स

- 5 लाख से अधिक ने चुना बेसिक मैथमेटिक्स

- 3500 स्टूडेंट्स शहर में देंगे बेसिक मैथमेटिक्स का एग्जाम

सिलेबस एक होगा, बस पेपर होगा आसान या कठिन

बोर्ड के सिटी कोऑर्डिनेटर डॉ। जावेद आलम खान ने बताया कि सीबीएसई ने बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ का अलग-अलग पाठ्यक्रम नहीं दिया है। स्टूडेंट्स को बेसिक और स्टैंडर्ड मैथ के लिए एक ही पढ़ाई सालभर करनी होगी। सिर्फ परीक्षा के दौरान बेसिक और स्टैंडर्ड का अंतर सामने आएगा। स्टैंडर्ड मैथ के पेपर में प्रश्नों को डिफिकल्टी लेवल अधिक होगा। इस बार देशभर में 5 लाख स्टूडेंट्स ने बेसिक मैथ को चुना है।