फ्लैग: केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने खूंटी में किया विद्यालय चलें-चलाएं अभियान का शुभारंभ

-स्टूडेंट्स को स्कूल लाने के लिए व घर छोड़ने के लिए बस की होगी व्यवस्था

-रांची, हजारीबाग, पलामू, दुमका व चाईबासा में खुलेंगे कंपोजिट स्कूल

क्या कहा केंद्रीय मंत्री ने

-एससी-एसटी स्टूडेंट्स को आईआईटी धनबाद में नहीं लगेगी फी

-स्कूलों में टीचर्स का प्रमोशन स्टूडेंट्स के परफॉर्मेस पर निर्भर करेगा

-शिक्षकों के योगदान से ही देश विश्व गुरु बन पाएगा

-स्कूल मैनेजमेंट कमिटी में पैरेंट्स को शामिल होना चाहिए

सीएम बोले

-स्कूल मैनेजमेंट कमिटी का जिम्मा गांवों को मिलेगा

-सांसद, विधायक, अधिकारी अपने नजदीकी स्कूल को मॉडल बनाएं

Figures speak

30 हजार झारखंड के स्कूलों में बेंच-डेस्क नहीं है

2 लाख राज्य में ऐसे बच्चे हैं, जो स्कूल नहीं जा रहे

ranchi@inext.co.in

RANCHI(8 April): रांची, पलामू, दुमका, चाईबासा और हजारीबाग में कंपोजिट स्कूल शुरू किए जाएंगे। इनमें प्राइवेट स्कूलों की तर्ज पर सारी सुविधाएं होंगी। स्टूडेंट्स को घर से लाने और उन्हें घर तक पहुंचाने के लिए बस की भी सुविधा मिलेगी। यह घोषणा केंद्रीय शिक्षा मंत्री मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी ने शुक्रवार को खूंटी में की। वह खूंटी के कालामाटी में विद्यालय चलें-चलाएं अभियान ख्0क्म् में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में बोल रही थीं। मौके पर सीएम रघुवर दास, खूंटी सांसद कडि़या मुंडा, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता मंत्री नीरा यादव व ग्रामीण विकास मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने भी लोगों को संबोधित किया। इस दौरान कांके विधायक जीतू चरण राम, विकास आयुक्त अमित खरे, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव अराधना पटनायक, माध्यमिक शिक्षा निदेशक मनीष रंजन समेत अन्य लोग मौजूद थे।

एससी-एसटी को फीस नहीं

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा कि आइआइटी धनबाद (पहले आइएसएम) में अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति छात्रों को अब कोई फीस नहीं देनी होगी। स्कूलों में टीचर्स के प्रमोशन को स्टूडेंट्स के परफॉर्मेस के साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार गरीब परिवार के सपने को पूरा करने के लिए प्रयत्नशील है। समाज को भी अपनी भूमिका निभानी है।

एसएमसी में पैरेंट्स भी

स्कूल प्रबंधन समिति में छात्रों के माता-पिता को भी शामिल होना चाहिए। किसी प्रकार की कमी होने पर उस बात को प्रशासन तक पहुंचाने का काम करना चाहिए। इसके साथ ही शिक्षकों की जिम्मेदारी सबसे अहम है। एक परिवार अपना बच्चा और देश अपना भविष्य शिक्षक के पास सौंपते हैं। अत: शिक्षकों की जिम्मेदारी एवं योगदान सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। शिक्षकों के योगदान से ही देश के विश्व गुरु बनने का सपना पूरा हो पाएगा।

सीएम बोले

सीएम ने बेंच डेस्क के लिए केंद्र से मांगे पैसे

सीएम रघुवर दास ने कहा कि राज्य सरकार स्कूल प्रबंधन का काम पंचायतों को देने पर विचार कर रही है। इससे स्कूलों में व्यवस्था व मॉनिटरिंग अच्छे तरीके से हो सकेगी। नियुक्ति एवं पाठ्यक्रम का काम सरकार अपने पास रखेगी। उन्होंने कहा कि सांसद, विधायक, जन प्रतिनिधि, अधिकारी, समाज के सक्षम लोग अपने नजदीकी किसी स्कूल को मॉडल के रूप में विकसित करें। इससे झारखंड में शिक्षा के स्तर को उठाने के साथ विकास कायरें में भी मदद मिलेगी। झारखंड के फ्0 हजार स्कूलों में बेंच-डेस्क नहीं है। सीएम ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से सभी स्कूलों में बेंच-डेस्क एक साल में उपलब्ध कराने के लिए आर्थिक सहायता देने का आग्रह किया। अभी केंद्र सरकार ने इस काम के लिए भ्0 प्रतिशत राशि दी है। उन्होंने कहा कि झारखंड में अभी भी दो लाख बच्चे ऐसे हैं, जो स्कूल नहीं जा रहे हैं। सरकार ने अपने स्तर पर आधारभूत संरचना सुधारने, शिक्षकों की नियुक्ति करने और गुणात्मक शिक्षा के क्षेत्र में ठोस कदम उठाई है। अब समाज के हर तबके के बच्चों को स्कूल में नामांकन कराने और ड्रॉपआउट रोकने में सहयोग जरूरी है। खूंटी क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को बिगाड़नेवाले लोगों के खिलाफ खड़ी होनेवाली महिलाओं की सराहना करते हुए सीएम ने हर संभव मदद की बात कहीं। साथ ही कहा कि सभी के सहयोग से झारखंड को अपराधमुक्त बनाया जा सकता है।