- मोबाइल टावर के लिए 15 केवी के कनेक्शन के लिए किया था आवेदन

- कनेक्शन के लिए शुल्क वसूला, डेढ़ साल तक नहीं दिया कनेक्शन

- विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच ने दिया जुर्माने का आदेश

DEHRADUN: बिजली का कनेक्शन देने में देरी करने पर यूपीसीएल पर करीब पांच लाख का जुर्माना लगा है। विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच के आदेश पर यूपीसीएल ने आवेदन करने वाली कंपनी को आवेदन के डेढ़ साल बाद बिजली का कनेक्शन दिया।

ख्0क्ब् में किया था आवेदन

जानकारी के अनुसार मैमर्स भारती इन्फ्राटेल लिमिटेड ने चमोली के जोशीमठ, सेलंग में मोबाइल टावर के लिए क्भ् केवी के बिजली संयोजन के लिए आवेदन किया था। कंपनी द्वारा विद्युत वितरण खंड गोपेश्वर के अधिशासी अभियंता को इस संबंध में अपना आवेदन सौंपा था। यूपीसीएल ने कनेक्शन के लिए कंपनी से क्भ् जुलाई ख्0क्ब् में भ्,ख्7,भ्7फ् रुपये जमा करने को कहा। कंपनी द्वारा यह रकम जमा भी कर दी गई। इसके बाद भी कई बार अनुरोध करने पर कंपनी को कनेक्शन नहीं मिला। जब डेढ़ साल बीत गया तो कंपनी ने कनेक्शन के लिए जमा की गई रकम ब्याज समेत वापिस करने की मांग की, इसपर यूपीसीएल द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।

कंपनी ने की शिकायत

कंपनी द्वारा इसकी शिकायत विद्युत उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच में दर्ज कराई। मंच ने दोनों पक्षों को सुना और सभी दस्तावेजों की गहन जांच की। मंच ने अपने फैसले में कहा कि यूपीसीएल द्वारा अवैधानिक तरीके से उपभोक्ता की रकम अपने पास रखी गई। मंच के आदेश के बाद यूपीसीएल द्वारा उपभोक्ता को जून ख्0क्म् में बिजली का कनेक्शन दे दिया। मंच ने यह भी कहा कि नियमानुसार धनराशि जमा करने के 90 दिन के भीतर उपभोक्ता को कनेक्शन दे दिया जाना चाहिए था,यहां नियमों की अवहेलना की गई है जो अवैधानिक है। मंच ने यूपीसीएल पर करीब पांच लाख रुपए जुर्माने की संस्तुति करते हुए इसे उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग में जमा कराने के आदेश दिये हैं।