1- आधार कार्ड को डेमोग्राफिक और बायोमेट्रिक डि डुप्लीकेशन के तहत बनाया गया है। जो इसे काफी यूनीक बनाता है। आधार को इनरोल करते समय डेमोग्राफिक और बायोमैट्रिक जानकारी दी जाती है। इसका डुप्लीकेट तैयार नहीं किया जा सकता है। यह तभी तैयार होगा जब आधार के डाटा बेस से मैच होगा। अगर एक से अधिक बार आधार कार्ड को बनाया जाता है तो ये खुद से उसे रिजेक्ट कर देगा।

2- आधार को ऑनलाइन कहीं से भी कभी भी चेक किया जा सकता है। आप देश के किसी भी कोने में जाकर आधार को चेक कर सकते हैं। आधार पर हर भारतीय की एक यूनीक पहचान है जो आधार को और भी खास बनाती है।

3- आधार कार्ड में दिया गया नंबर एक रैंडम नंबर है। जो हर तरह के इंटेलीजेंस से फ्री है। आधार कार्ड में जब आप डेमोग्राफिक और बायोमैट्रिक जानकारी देते है तो सिर्फ वही नजर आती है। आधार इनरोलमेंट में आप की जाति, धर्म, हेल्थ, इनकम और जियोग्राफी की जनाकरी नहीं होती है।

4- यूआईडी को इस तरह से बनाया गया है कि कोई भी इसमें आसानी से एक्सेस कर सकता है। आधार में डाटा दुनिया के किसी भी कोने से डाला जा सकता है। आधार अथेंटिकेशन सर्विस एक दिन में 100 मिलियन अथेंटिकेशन बनाती है। जो दिखाता है कि आधार को कितनी एडवांस टेक्नोलाजी से तैयार किया गया है।

5- आधार इस तरह से तैयार किया गया है कि उसे कभी कोई सिस्टम हैक नहीं कर सकता है। ओपन सोर्स आर्किटेक्चर किसी विशेष प्रकार के कंप्यूटर हार्डवेयर पर भी नहीं खोला जा सकता है। ये किसी भी ओएस, डेटा बेस विक्रेता, तकनीकि पर निर्भर नहीं करता है। ऐसे किसी भी चीज को ओपन सोर्स या ओपन टेक्नोलाजी से तैयार किया जाता है।

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