इस सूची में युवराज सिंह का नाम सबसे ऊपर आता है। युवराज ने कैंसर की बीमारी होने के बाद भी खेल जारी रखा। 2011 में हुए क्रिकेट वर्ल्ड कप में वह टीम के लिए दर्द सहते हुए भी मैच जीत रहे थे। इसके अलावा भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मैच खेले। युवराज आज लंबे उपचार के बाद फिट हैं।
सबसे नौजवान कप्तान बनने वाले भारत के टाइगर पटौदी भी एक कार हादसे का शिकार हो चुके थे। उस समय उनकी उम्र महज 21 साल रही और इस हादसे में उनकी एक आंख की रोशनी चली गई थी। पटौदी ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने एक आंख से खेलकर क्रिकेट की दुनिया में बेहतर रिकॉर्ड बनाया।
सालामी बल्लेबाजों में शामि न्यूजीलैंड के मार्टिन गुप्टिल एक भयानक हादसे का शिकार हो चुके हैं। हादसे में उनके बायें पैर का अंगूठा और दो उंगलियां काटनी पड़ीं। जिसके बाद लोगों को लगा कि वह शायद ही दौड़ सकें लेकिन उन्होंने मेहनत कर वापसी की। आज वह मैदान पर काफी तेजी से दौड़ते हैं।
दक्षिण अफ्रीका के शानदार फील्डर जोंटी रोड्स मिरगी की बीमारी के शिकार रहे हैं। इस बीमारी से वह लंबे समय लड़े और अपने करियर पर इसका प्रभाव नहीं पड़ने दिया। आज वह गेंद रोकने की कला या रनआउट करने के लिए फेमस हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग उनसे फील्डिंग के टिप्स सीखते हैं।
पाक गेंदबाज शोएब अख्तर का नाम भी इस सूची में शामिल है। उनकी कोहनी में प्रॉब्लम थी और पैर सपाट थे। जिससे वह 5 साल की उम्र तक सीधे चल पाए थे, लेकिन शोएब ने हिम्मत नहीं हारी। आज उनकी कोहनी 40 डिग्री तक मुड़ जाती और 100 मील प्रतिघंटे रफ्तार वाली गेंदबाजी करते हैं।
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