1. ईसाई धर्म ग्रंथों के अनुसार जिस दिन ईसा मसीह ने प्राण त्यागे थे उस दिन शुक्रवार था और इसी की याद में गुड फ्राइडे मनाया जाता है। लेकिन अपनी मौत के तीन दिन बाद ईसा मसीह पुन: जीवित हो उठे थे और उस दिन रविवार था। ईसाई समाज में गुड फ्राइडे का खास स्थान है। इस दिन ईसा ने क्रूस पर अपने प्राण त्यागे थे। निर्दोष होने के बावजूद जब उन्हें क्रूस पर लटका कर मारने का दंड दिया गया तो उन्होंने सजा देने वालों को उलाहना नहीं दी, वरना प्रार्थना करते हुए यह कहा कि ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा कर, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं।
2. बाल्टिमोर कैटेशिज्म के अनुसार गुड फ्राइडे को गुड इसलिए कहा जाता है क्योंकि ईसा मसीह ने अपनी मृत्यु के बाद पुन: जीवन धारण किया और यह संदेश दिया कि हे मानव मैं सदा तुम्हारे साथ हूं और तुम्हारी भलाई करना मेरा उद्देश्य है। यहां गुड का मतलब हॉली (अंग्रेजी शब्द) यानी पवित्र से है। इसलिए इस गुड फ्राइडे को हॉली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं।
3. गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म को मानने वाले अनुयायी गिरजाघर जाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं। इस दिन चर्च में घंटा नहीं बजाया जाता बल्कि उसके एवज में लकड़ी के खटखटे से आवाज की जाती है। लोग भगवान ईसा मसीह के प्रतीक क्रॉस को चूमकर भगवान को याद करते हैं। गुड फ्राइडे के दौरान दुनिया भर के ईसाई चर्च में सामाजिक कार्यो को बढ़ावा देने के लिए चंदा या दान देते हैं।
4. साल 2012 में क्यूबा में गुड फ्राइडे को राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया। हालांकि 1960 के बाद क्यूबा की सरकार ने पहली बार इस तरह के किसी अवकाश को सार्वजनिक तौर पर घोषित किया था।
5. बहुत से अंग्रेजी भाषी देशों, जैसे सिंगापुर में अधिकाँश दुकाने बंद कर दी जाती हैं और टेलिविज़न और रेडियो प्रसारण से कुछ विज्ञापन को हटा दिया जाता हैं। वहीं ब्रिटेन में गुड फ्राइडे के दिन कोई घुड़दौड़ नहीं होती।
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