- कमिश्नर ने नगर निगम कार्यालय का किया निरीक्षण

तो गायब मिले 50 कर्मचारी

- सभी का एक दिन का वेतन काटने का दिया निर्देश, देर से पहुंचे कर्मचारियों ने मांगी माफी

GORAKHPUR: कमिश्नर अनिल कुमार मंगलवार को अचानक नगर निगम पहुंच गए तो वहां की हालत देख दंग रह गए। आधे घंटे तक विभिन्न विभागों में घूमने पर कमिश्नर को 50 से अधिक कर्मचारी गायब मिले। कमिश्नर ने सभी का एक दिन का वेतन काटने का निर्देश दिया। वहीं कई एंप्लाइज देर से पहुंचे जिन्होंने माफी मांगी तो कमिश्नर ने भी सुधर जाने की चेतावनी देकर छोड़ दिया। निरीक्षण के दौरान मुख्य रूप से नवलकांत तिवारी, बीएन मिश्रा, संजय शुक्ला, बृजेश सिंह, श्यामपाल सिंह, आशीष श्रीवास्तव, एसके केसरी, वीसी पटेल, प्रेम मोहन श्रीवास्तव, एचपी यादव सहित नगर निगम के कई अधिकारी उपस्थित रहे।

सब मांगते रहे माफी

कमिश्नर अचानक सुबह 10 बजे नगर निगम पहुंच गए। मुख्य कार्यालय में मौके पर दो कर्मचारी अंदर व एक बाहर घूमते मिले। वहीं देर से पहुंची आबिदा खातून ने विलंब से आने पर माफी मांगी। रेंट विभाग में तो 14 कर्मचारी गायब मिले। पांच को समय से न आने पर माफी मांगनी पड़ी। विधि विभाग में तो ताला भी नहीं खुला था। इस पर कमिश्नर ने तत्काल कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

झूठा कंप्लेंट करने पर किया सस्पेंड

निरीक्षण के बाद नगर आयुक्त अपने कमरे में बैठे थे कि एक सफाई कर्मी आजाद अपने बाबू और सुपरवाइजर पर ड्यूटी न कराने का आरोप लगाते हुए पैसा लेने का कंप्लेन करने लगा। नगर आयुक्त ने पूछा कि जो सही बात है, उसे बताओ तो तुम्हारे साथ न्याय होगा। अगर गलत बताए तो कार्रवाई होगी। उन्होंने तत्काल बाबू को बुलाया और कारण पूछा। जिस पर बाबू ने कहा कि सुपरवाइजर ने तड़ीपार कर दिया है। जिस पर नगर आयुक्त ने सफाईकर्मी से पार्षद का नाम पूछा तो वह बता नहीं पाया। जिस पर नगर आयुक्त ने तत्काल उसे सस्पेंड करने का आदेश जारी किया। साथ ही चुनाव के समय ड्यूटी पर नहीं जाने वालों को भी सस्पेंड लेटर जारी करने आदेश दे दिया।

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पल भर में बदल गया माहौल

कमिश्नर के अचानक निरीक्षण के बाद कुछ ही देर में पूरा माहौल ही बदल गया। कमिश्नर के जाने के बाद भी कर्मचारी अपन काम में लगे रहे और कोई गायब नहीं हुआ। बात-बात में बाहर निकल जाने वाले कर्मचारियों ने चाय भी कार्यालय में ही मंगाया। निर्माण विभाग की फाइलें भी लाल कपड़े में बांधकर रख दी गई थीं। कुर्सियां और मेज भी सजाकर रख दिए गए थे। जिस कमरे में ठेकेदारों का जमावड़ा लगा रहता है वह कमरा भी खाली हो गया था।