इलाहाबाद में दो पक्षों में हुई झड़प, 37 जिलों में डाले गये वोट

ALLAHABAD: यूपी बार कौंसिल के 25 सदस्यों के चुनाव में मतदान की प्रक्रिया बुधवार को पूरी हो गई। अंतिम व दूसरे चरण में इलाहाबाद सहित 37 जिलों में दो दिन तक हुए मतदान में 50 प्रतिशत से ज्यादा वकीलों ने मताधिकार का प्रयोग किया। इसी के साथ 298 प्रत्याशियों का भाग्य बैलेट बंडलों में बंद हो गया।

आपस में भिड़े समर्थक

बुधवार को अंतिम समय में कौंसिल के सचिव रहे डॉ। रामजीत यादव पर कुछ समर्थकों ने हाथ छोड़े तो दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच मतदान कराने को लेकर हाथापाई भी हुई। इस कारण मतदान की प्रक्त्रिया अफरा-तफरी के बीच संपन्न हुई। हालांकि मतदान कार्य में लगे अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी व डीजीसी क्त्रिमिनल राम अभिलाष सिंह की टीम ने माहौल शांत करा दिया। इलाहाबाद में अंतिम चरण के दूसरे दिन 6655 वोट पड़े यानी दो दिन में कुल मिलाकर 11811 वोट पड़े। यहां साढ़े 17 हजार से ज्यादा मतदाता हैं। इलाहाबाद में मतदान के दूसरे दिन भी वकीलों में उत्साह दिखा। दिनभर हाईकोर्ट, डिस्ट्रिक्ट कोर्ट और तहसीलों के वकील वोट डालने आते रहे। शाम को परिसर के अंदर डॉ। रामजीत यादव को देखकर कुछ समर्थकों ने उनसे पूछताछ की तो कुछ देर बाद माहौल गरम हो गया। उसके बाद समर्थकों ने उनसे मारपीट शुरू कर दी। मतदान कार्य में लगे सरकारी वकीलों व बार कौंसिल के कर्मचारियों ने उन्हें किसी तरह बचाकर वहां से हटा दिया। उसी के बाद पोलिंग बूथों वाले लॉन में दो प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच गरमागरम बहस शुरू हो गई। एक प्रत्याशी के समर्थक दूसरे पर बूथों में जाकर मतदान कराने का आरोप लगा रहे थे। इसी बात को लेकर उनमें हाथापाई भी हुई। अपर महाधिवक्ता नीरज त्रिपाठी, विनीत संकल्प, नीरज मिश्र, अमित मालवीय, श्रीप्रकाश शुक्ल, मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पीआरओ शशिशेखर तिवारी आदि ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया और दोनों प्रत्याशियों के समर्थकों को बाहर भेजा। मतदान टीम ने उसके बाद प्रत्याशियों के कहने पर बचे हुए मतपत्रों की गिनती कर उनके सामने उन्हें सीलबंद किया। बाद में बैलेट पेपर भी बंडलों में सीलबंद किए गए।