-यातायात माह नवंबर में भी वाहन चालकों को नहीं रही नियमों की परवाह

-बिना हेलमेट के चलने वालों की संख्या 38 हजार पार

VARANASI

वाराणसी में यातायात माह का समापन हो गया है। हर दिन स्पेशल प्लान और चप्पे-चप्पे पर जवानों की तैनाती ट्रैफिक रूल्स के उल्लंघन में सुधार का दावा कर रही है, लेकिन हकीकत अलग है। शहर के लोगों में टै्रफिक रूल्स को लेकर जागरुकता नहीं दिख रही है। जनवरी से वाहनों के चालान काटे जा रहे हैं, लेकिन संख्या घटने की बजाए बढ़ती जा रही है। लोग रूल्स की परवाह करते नहीं दिख रहे हैं। ट्रैफिक सिस्टम पर यातायात माह का भी खास असर देखने को नहीं मिला है। यातायात माह नवंबर में 50 हजार से अधिक चालान काटे गए, जो एक रिकार्ड है। हालांकि वर्ष 2018 की तुलना में इस वर्ष सड़क हादसों में होने वाली मौतों और घायलों की संख्या में कमी आई है, जो ट्रैफिक पुलिस के लिए राहत की बात है।

38 हजार पार

ट्रैफिक माह में पुलिस की सख्ती के बाद भी बिना हेलमेट चलने वाले लोगों की संख्या में कमी नहीं आई। टै्रफिक पुलिस ने नवम्बर माह में 38540 चालान बिना हेलमेट के चलने वालों पर किए। जबकि बिना सीट बेल्ट के 346 वाहन चालकों के चालान काटे गए। अन्य यातायात नियमों के उल्लंघन में कुल 11869 चालान हुए। पुलिस के अनुसार इन 30 दिनों में कुल 50 हजार 755 चालान किए गए, जिनमें 89 लाख 97 हजार 700 का शमन वसूला गया। यह बीते साल से करीब 40 लाख रुपये ज्यादा है।

सारा प्रयास हो गया बेकार

यातायात माह का समापन हो गया। व्यापारियों और पुलिस जवानों ने जागरुकता रैली निकालकर ट्रैफिक नियमों की खूब जानकारी दी। इसके अलावा स्कूलों, बैंकों, दफ्तरों में पम्फलेट बांटकर लोगों को अवेयर किया गया। प्रमुख चौराहों पर गुलाब का फूल देकर उत्साह भी बढ़ाया, लेकन सब बेकार साबित हुआ। नवंबर माह में 50 हजार पार चालान से पता चलता है कि वाराणसी में टै्रफिक रूल्स को लेकर लोग गंभीर नहीं है।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट है बेलगाम

वाराणसी में ऑटो ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट का प्रमुख साधन है। कुछ रूटों पर सिटी बसें भी चलती हैं। ऐसे में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर लोगों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। ट्रैफिक माह में भी यही हाल देखने को मिला। ऑटो और सवारी जीप की अगली सीट पर ही ड्राइवर समेत 4 से आठ लोगों बैठाया जाता रहा। ठूंस-ठूंस कर लोगों को बैठाने से वे ऑटो के बाहर लटके रहते हैं। कभी कार्रवाई होती है तो कई बार पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नाम पर पुलिस भी उन्हें छूट दे देती है।

वर्जन

शहर में ट्रैफिक नियमों का सख्ती से पालन करवाया जा रहा है। जागरुकता अभियान भी चलाया गया। फिर भी चालान की संख्या 50 हजार पहुंच गई। लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। ऑटो वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी।

-श्रवण कुमार सिंह, एसपी टै्रफिक