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Patna : अब इलाज कराने के लिए बिहार के लोगों को दिल्ली या अन्य राज्यों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. इसके लिए आईजीआईएमएस में 500 बेडों का छह मंजिला अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस अस्पताल बनेगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को राजधानी स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) परिसर में 500 बेड वाले अस्पताल का शिलान्यास किया. अगले दो वर्षो में यह बनकर तैयार हो जाएगा. छह फ्लोर के इस हॉस्पिटल का निर्माण 64,570 वर्गमीटर में होगा. इसकी लागत 284.18 करोड़ रुपए है.

सरकार धन उपलब्ध कराएगी

शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा यह सपना है कि आईजीआईएमएस स्टैंडर्ड स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में एम्स के बराबर बने. इस संस्थान को एम्स के बराबर बनाने के लिए जितने डॉक्टर, पारा मेडिकल स्टाफ, नर्स, प्रशासनिक कर्मी और सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत होगी उसके लिए सरकार धन उपलब्ध कराएगी. शिलान्यास समारोह में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, अश्विनी कुमार चौबे, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय भी शामिल हुए.

2,500 बेड का हॉस्पिटल

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह कोशिश है कि इलाज कराने मजबूरी में किसी को बिहार से बाहर नहीं जाना पड़े. दिल्ली एम्स में तो सबसे अधिक मरीज बिहार के ही दिखते हैं. लक्ष्य है कि आईजीआईएमएस को 2,500 बेड का हॉस्पिटल बनाएंगे. 1200 बेड के निर्माण को भी जल्द ही स्वीकृति दी जाएगी. उन्होंने इस बात पर बल दिया कि आईजीआईएमएस रिसर्च के क्षेत्र में भी ध्यान दे.

सुस्त पड़ जाती काम की रफ्तार

मुख्यमंत्री ने कहा कि जितनी तेज गति से वह काम चाहते हैं उतनी गति से काम नहीं हो पाता है. हमने लंबे समय से पीएमसीएच को अंतरराष्ट्रीय स्तर का अस्पताल बनाए जाने की योजना बनाई है. मगर योजना के अनुसार काम की गति चल नहीं पाती . वैसे काम होता जरूर है और बिहार में तो काम ऐसा बेहतरीन होता कि दूसरे स्थानों से लोग इसे देखने आते हैं.