- सिटी के चारों डिवीजंस में एरियर 30 करोड़ से अधिक, एसई ने जांच कराई तो खुली मीटर रीडर्स और कर्मचारियों की पोल

GORAKHPUR: सिटी में पांच हजार कंज्यूमर्स ऐसे हैं, जो सात साल पहले 15 करोड़ की बिजली खर्च कर लापता हो गए। यह बकाया वसूलने व बकाएदारों को ढूंढने में जेई और कर्मचारी फेल हैं। अफसरों ने वर्षो पहले इन बकाएदारों को नॉन ट्रेसेबल कैटेगरी में डाल दिया। बिलिंग एजेंसी के मीटर रीडर बिलिंग टारगेट पूरा करने को इन कनेक्शनों पर छह माह से मीटर रीडिंग के अनुसार बिल बनाने लगे।

कमेटी बना कराई जांच

शहर के एसई ने कमेटी बनाकर जांच कराई तो कंज्यूमर और कनेक्शन नहीं मिले। अब सवाल उठने लगा है कि क्या सिटी में मीटर रीडर हर महीने पांच हजार लापता कंज्यूमर्स का बिजली बिल बना रहे हैं। बिलिंग एजेंसी के मीटर रीडरों का फर्जीवाड़ा सामने आने पर एसई ने चारों डिवीजन के एक्सईन को निर्देश दिया है कि बिलिंग एजेंसी के मीटर रीडर्स के खिलाफ केस दर्ज कराएं।

मकान छोड़ हो गए गायब

शहर के विद्युत वितरण मंडल के चारों डिवीजन के जेई ने वर्षो पहले 3500 किराएदारों को उनके नाम से कनेक्शन जारी किए। ये किराएदार बिना रोक-टोक बिजली का इस्तेमाल करते रहे। जब बकाया करोड़ों में पहुंच गया तो मकान खाली कर गायब हो गए। मकान मालिकों ने मीटर व कनेक्शन उखाड़ कर अपने स्टोर में जमा कर दिया। वहीं करीब 1500 कंज्यूमर्स बकाया बढ़ने पर मकान बेच कर गायब हो गए। जिसने मकान खरीदा अब उसके नाम से मकान में कनेक्शन चल रहा है। दूसरे कनेक्शन भी कर्मचारियों की मिलीभगत से सुविधा शुल्क लेकर जारी किए गए।

तलाशने के लिए बनीं कई योजनाएं

बिजली इंप्लॉइज के अनुसार सात से आठ साल पहले इन कंज्यूमर्स पर बकाया करीब 15 करोड़ रुपए था। अफसरों ने उन्हें तलाशने के लिए कई योजनाएं चलाई। थक-हार कर अफसरों ने सभी को नान ट्रेसेबल कैटेगरी में डाल दिया। नई बिलिंग एजेंसी के मीटर रीडर्स ने छह माह से इन कनेक्शनों पर फर्जी रीडिंग दर्ज कर बिल बनाने शुरू कर दिए। वर्षो बाद कनेक्शन पर बिल बनने पर बकाए का एरियर बढ़कर 30.33 करोड़ हो गया।

बैरंग लौटी जांच टीम

विद्युत निगम के निर्देश पर शहरी एसई यूसी वर्मा ने टीम गठित कर जांच कराई। जांच टीम संबंधित एरिया के जेई के साथ बिजली बिल में उल्लेखित पते पर गई तो वहां दूसरा कनेक्शन मिला जिस पर बिल पेमेंट होता पाया गया। कनेक्शन नंबर अलग होने के कारण जांच टीम बैरंग लौट आई।

ऑनलाइन मॉनीटरिंग

ऑनलाइन बिल बनाने वाली बीसीआईटीएस सेल ने देखा कि वर्षो से लापता कनेक्शनों पर बिजली खपत के अनुसार बिल बनने लगे। सेल ने एमडी के बालाजी को अवगत कराया। बीते दिनों एमडी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अफसरों से बकाए एरियर की वसूली पर चर्चा की। उन्होंने पूछा था कि शहर के सभी डिवीजन में बकाए का एरियर क्यों बढ़ रहा है।

डिवीजन 10 किलोवाट

डिवीजन फ‌र्स्ट करंट ऑफ अकाउंट आईडी 40 कुल अमाउंट 68.54 लाख

डिवीजन सेकेंड करंट ऑफ अकाउंट आईडी 47 101.26 लाख

डिवीजन थर्ड करंट ऑफ अकाउंट आईडी 03 5.97 लाख

डिवीजन फोर्थ करंट ऑफ अकाउंट आईडी 27 46.85 लाख

डिवीजन 5 से 9 किलोवाट

डिवीजन फ‌र्स्ट करंट ऑफ अकाउंट आईडी 178 कुल अमाउंट 132.32 लाख

डिवीजन सेकेंड करंट ऑफ अकाउंट आईडी 60 65.02 लाख

डिवीजन थर्ड करंट ऑफ अकाउंट आईडी 45 58.67 लाख

डिवीजन फोर्थ करंट ऑफ अकाउंट आईडी 64 58.07 लाख

डिवीजन 1 से 4 किलोवाट

डिवीजन फ‌र्स्ट करंट ऑफ अकाउंट आईडी 2286 कुल अमाउंट 1299.32 लाख

डिवीजन सेकेंड करंट ऑफ अकाउंट आईडी 1141 687.07 लाख

डिवीजन थर्ड करंट ऑफ अकाउंट आईडी 494 264.02 लाख

डिवीजन फोर्थ करंट ऑफ अकाउंट आईडी 443 246.68 लाख

चार डिवीजनों में नॉन ट्रेसेबल कनेक्शन

डिवीजन कनेक्शन बकाया रकम

डिवीजन फ‌र्स्ट 2500 15.00 करोड़

डिवीजन सेकेंड 1248 8.53 करोड़

डिवीजन थर्ड 542 3. 28करोड़

डिवीजन फोर्थ 534 3.51 करोड़

वर्जन

बिलिंग एजेंसी के मीटर रीडर्स ने नॉन ट्रेसेबल कनेक्शनों पर एमयू आधारित बिल बनाकर निगम का एरियर बढ़ा दिया है। यह कंज्यूमर्स वर्षो से बिजली इस्तेमाल कर रहे हैं। उनके एड्रेस पर जाने पर पता नहीं चल रहा है। इसी से पता चल रहा है कि मीटर रीडर्स घर बैठे रीडिंग ले रहे हैं। लापरवाह मीटर रीडर्स के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

यूसी वर्मा, एसई शहर