- राहत दल के बाद पहली बार किसी आपदा में भेजा जा रहा अध्ययन दल

- 6 प्वाइंट पर तैयार होगी रिपोर्ट, आज नेपाल रवाना होगा दल

GORAKHPUR : नेपाल में भूकंप पीडि़तों की मदद के लिए अब राहत के साथ अध्ययन दल भेजा जाएगा। पहली बार किसी आपदा में मदद के लिए जा रहा ये अध्ययन दल नेपाल में इन बातों पर विशेष जांच कर एक रिपोर्ट तैयार करेगा, जिससे आगे होने वाली प्रॉब्लम को रोका जा सके। तीन सदस्यीय ये दल मंडे को नेपाल पहुंचेगा। अध्ययन दल म् प्वाइंट पर रिसर्च करेगा। यह दल आपदा प्रबंधन, भारत-नेपाल मैत्री समाज और नेपाल-भारत मैत्री समाज बेलइया (नेपाल) की देखरेख में अध्ययन करेगा।

म् प्वाइंट पर तैयार करेगा रिपोर्ट

ख्भ् अप्रैल को नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप से जहां सैकड़ों लोगों की मौत हो गई वहीं हजारों लोग इस त्रासदी के शिकार हैं। हालांकि भूकंप पीडि़तों की मदद के लिए लगातार राहत सामग्री भेजी जा रही है जिससे पीडि़तों को काफी राहत मिली है। मंडे को जा रहा अध्ययन दल राहत सामग्री लेकर नहीं जा रहा, मगर मदद करेगा। अध्ययन दल में गजेंद्र सिंह बघेल, मनोज कुमार जायसवाल और पवन कुमार शुक्ल हैं। ये तीनों राज्य आपदा प्रबंध प्राधिकरण की ओर से ट्रेंड और क्षमता संव‌र्द्ध कार्यक्रम के स्पेशलिस्ट हैं। गजेंद्र ने बताया कि नेपाल में अध्ययन के लिए इंटरनेशनल मानक 'स्फीयर' का यूज किया जाएगा जिसके आधार पर 8 पेज की एक चेकलिस्ट तैयार की गई है। रिपोर्ट म् प्वाइंट पर बनाई जाएगी। जिसमें पहला प्वाइंट जलापूर्ति, स्वच्छता एवं साफ-सफाई, दूसरा प्वाइंट खाद्य सुरक्षा, पोषण तथा भोजन आपूर्ति, थर्ड प्वाइंट आश्रय एवं व्यवस्थापन, फोर्थ प्वाइंट स्वास्थ्य सेवाएं, फिफ्थ प्वाइंट एजुकेशन और सिक्स्थ प्वाइंट आजीविका है।

एक अध्ययन दल नेपाल जा रहा है। वे लोग म् प्वाइंट पर रिपोर्ट तैयार करेंगे जिससे नेपाल को त्वरित आपदा के बाद आने वाली समस्या से भी निकाला जा सकेगा। अभी जो मदद हो रही हैं वह वर्तमान को देख कर हो रही हैं, मगर फ्यूचर में कई बड़ी समस्याएं आने वाली हैं जिनकी ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

गौतम गुप्ता, प्रोजेक्ट मैनेजर, आपदा प्रबंधन