उत्तर भारत की पहली ऑटोमैटिक कंपोस्टिंग यूनिट मेरठ में

मेरठ के जिला जेल में स्थापित हुई यूनिट, कमिश्नर ने किया लोकार्पण

Meerut। उत्तर भारत की पहली ऑटोमैटिक कंपोस्टिंग यूनिट का मेरठ में लोकार्पण हो गया। शनिवार को चौधरी चरण सिंह जिला कारागार में स्थापित इस यूनिट का कमिश्नर अनीता सी मेश्राम ने लोकार्पण किया। जिले में कूड़े को उसके उद्गम स्थान पर ही निस्तारण करने के कमिश्नर के इस अभियान में शहर में विभिन्न स्थानों पर कंपोस्टिंग यूनिट स्थापित करने का कार्य किया जा रहा है।

200 प्रतिदिन की क्षमता

जिला जेल में स्थापित फुल्ली ऑटोमैटिक प्लांट की क्षमता 200 किलो प्रतिदिन है। इस कंपोस्टिंग यूनिट से 6 टन प्रतिमाह कूड़े का निस्तारण यांत्रिक विधि से किया जाएगा जिसमें तीन टन प्रतिमाह अथवा 36 टन प्रति वर्ष खाद मिलेगी।

बड़े पैमाने पर हो रहा काम

कमिश्नर ने बताया कि नगर निगम द्वारा 214 कम्युनिटी कंपोस्टिंग व घर-घर में 200 कंपोस्टिंग यूनिट स्थापित की गई हैं। 5 बड़े कूड़ा उद्गम स्थानों में से 2 स्थानों पर बड़ी कंपोस्टिंग यूनिट स्थापित करायी गई है, जिसमें जिला कारागार में स्थापित यह यूनिट दूसरी यूनिट है। इससे पूर्व सनातन धर्म मंदिर में फूलों से खाद बनाने की यूनिट स्थापित की गई है। कमिश्नर ने जेल अधीक्षक से जेल की स्थापना जेल में उपलब्ध सुविधाओं, जैमर आदि के बारे में जानकारी ली। नगरायुक्त मनोज चौहान ने बताया कि 14वें वित्त आयोग की निधि से यह यूनिट लगायी गयी है। सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट रूल्स के तहत 50 किलो कूड़ा प्रतिदिन निकालने वाले संस्थानों, होटल, स्कूल कालेज, रेस्टोरेंट को कंपोस्टिंग यूनिट लगाना अब अनिवार्य है। महापौर सुनीता वर्मा, जेल अधीक्षक डॉ। बीडी पाण्डेय, अपर नगर आयुक्त अमित कुमार सिंह, नगर स्वास्थ्य अधिकारी गजेन्द्र सिंह आदि इस दौरान मौजूद थे।